होम मत-विमत गलवान के दो साल बाद चीनी सरकार और मीडिया ने लोगों को...

गलवान के दो साल बाद चीनी सरकार और मीडिया ने लोगों को क्या बताया

संघर्ष के अपने विवरण में एक चीनी सैन्य चैनल ने एक डॉक्युमेंट्री की क्लिप दिखाई, जिसमें चेन शियांग्रॉन्ग को दिखाया गया जो गलवान में मारे गए चार PLA सैनिकों में से एक था.

गलवान घाटी में चीनी झंडा लहराते हुए एक वीडियो का स्क्रीनग्रैब। | फोटो क्रेडिट: ट्विटर/@shen_shiwei

पुतिन के साथ एक फोन कॉल में शी ने मॉस्को की ‘संप्रभुता और सुरक्षा’ के लिए समर्थन का इज़हार किया. चीन ने अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर ‘फुजियान’ लॉन्च किया. खगोलविदों ने इस दावे का खंडन किया कि चीनी वैज्ञानिकों को पराए संकेत मिल रहे हैं. भारत और चीन के बीच ब्रिक्स एनएसएज़ की बैठक में बातचीत हुई. चाइनास्कोप आपके लिए लाया है चीन और दुनिया से बीते हफ्ते की बड़ी ख़बरें.

पिछले सप्ताह में चीन

बीजिंग और मॉस्को के बीच ख़ामोश पड़ीं संचार लाइनों में इस सप्ताह फिर से जान पड़ गई, जब एक जन्मदिन की बधाई और एक दूसरे के प्रति समर्थन का इज़हार किया गया. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 15 जून को अपने जन्म दिवस के मौक़े पर राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात की. शी की जन्मतिथि एक अच्छे से रखा गया रहस्य है- न तो शी और न ही चीन के सरकारी मीडिया ने इस तिथि को स्वीकार किया है, और चीनी राष्ट्रपति अपने शुरुआती वर्षों को लेकर हमेशा अस्पष्ट रहते हैं. दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत पर जारी वक्तव्यों में, शी के जन्म दिन का उल्लेख नहीं किया गया.

ये कॉल यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद शी और पुतिन के बीच दूसरा सम्पर्क थी.

शिन्हुआ की ओर से प्रकाशित फोन कॉल के विवरण में कहा गया है, ‘शी जिनपिंग ने कहा कि इस साल की शुरुआत से, वैश्विक उथल-पुथल और बदलावों के बीच चीन-रूस के रिश्तों ने विकास की एक अच्छी गति बनाए रखी है. दोनों देशं के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग लगातार आगे बढ़ रहा है, और हीहे- ब्लेगोवेशचेंस्क हाईवे ब्रिज को यातायात के लिए खोल दिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच जुड़ाव का एक नया चैनल खुल गया है’.

शी और पुतिन के बीच हुई फोन कॉल दोनों पक्षों के बीच हुए संपर्क का अकेला बिंदु नहीं था.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

शुक्रवार को, शी ने वीडियो लिंक के ज़रिए सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच में शिरकत की.

मंच को संबोधित करते हुए शी ने कहा, ‘बहुत महत्वपूर्ण है कि हम विकास नीतियों तथा अंतर्राष्ट्रीय नियमों और मानकों की ‘सॉफ्ट कनेक्टिविटी’ को मज़बूत करें, अलग करने के प्रयासों, सप्लाई बाधाओं तथा एक-तरफा प्रतिबंधों, और अधिकतम दबाव को ख़ारिज करें, वैश्विक औद्योगिक और सप्लाई चेन्स को स्थिर रखें, बिगड़ते खाद्य और ऊर्जा संकट से निपटें, और विश्व अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएं’.

फोरम में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, मिस्री राष्ट्रपति अब्दल फतह अल-सीसी, और कज़ाख़ राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट के तोकायेव ने शिरकत की.

शी का पुतिन के साथ ताज़ा संपर्क- और सेंट पीटर्सबर्ग फोरम पर उनका संबोधन- इस बात का ताज़ा सबूत है कि मॉस्को की ‘संप्रभुता और सुरक्षा’ को समर्थन देकर, बीजिंग ने यूक्रेन पर रूसी हमले की अप्रत्यक्ष रूप से सहायता की है.

सिलसिलेवार देरी के बाद चीन ने फुजियान नाम से अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर लॉन्च किया है, जिसके पेटे का नंबर ‘18’ है. कैरियर को चाइना शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन के जियांगनान शिपयार्ड से लॉन्च किया गया. शिन्हुआ ने ख़बर दी, ‘शू किलियांग ने रिसीविंग यूनिट के चीफ ऑफिसर को नामकरण प्रमाणपत्र दिया, और सेना तथा स्थानीय नेताओं के साथ साझा रिबन काटकर, देश के तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर को लॉन्च किया’.

कैरियर के लॉन्च ने सोशल मीडिया ट्रेण्ड्स पर भी ध्यान आकर्षित किया. हैशटैग ‘हमारे पास तीन एयरक्राफ्ट कैरियर हैं’ बायदू पर नंबर वन ट्रेण्ड था.

जैसा कि चाइनास्कोप ने आपको अतीत में बताया है, एयरक्राफ्ट कैरियर को अगले दो साल तक टेस्ट किया जाएगा, जिसके बाद उसे युद्ध जैसे परिदृश्य में तैनात कर दिया जाएगा.

15 जून को गलवान संघर्ष की वर्षगांठ भारत में सोशल मीडिया पोस्टों तथा ओप-एड्स के ज़रिए मनाई गई. चीन में, सरकारी मीडिया और सरकारी विभागों ने लोगों को दो साल पहले गलवान की एक ठंडी कड़कड़ाती रात में हुए संघर्ष का अपना विवरण याद दिलाया.

चीनी सैन्य चैनल सीसीटीवी-7 नेमदरलैण्ड एंग्रेव्ड  नाम से एक डॉक्युमेंट्री की एक छोटी सी क्लिप दिखाई, जिसे फरवरी में रिलीज़ किया गया था.

क्लिप में चेन शियांग्रॉन्ग को दिखाया गया है जो संघर्ष की रात मरने वाले चार सैनिकों में से एक था, जबकि उसके सहकर्मी खेद व्यक्त करते हैं कि वो ‘चेन शियांग्रॉन्ग के और अधिक फोटो नहीं ले सके’.

ये वीडियो सीसीटीवी के सैन्य चैनल ने वीबो पर पोस्ट किया था, और इसे 46.4 लाख बार देखा गया.

लेकिन वो एक अकेला तरीक़ा नहीं है जिससे चीन अपने गलवान सैनिकों को याद करता है.

यांचेंग ज़िले के लुओहे शहर में एक समारोह आयोजित किया गया, जिसका शीर्षक था ‘उन हीरोज़ के बारे में जानना जिन्होंने देश की रक्षा की, सीमाओं की चौकसी की, और कराकोरम की भावना को आगे बढ़ाया. वांग ज़ुओरन का परिवार लुओहे शहर के इस आयोजन में मौजूद था.

चाइनास्कोप के नियमित पाठकों को ऐसा लग सकता है कि पीएलए से जुड़ा फिर कोई घटनाक्रम हो गया है. न्यूज़लेटर के पिछले संस्करण में हमें एलएसी पर बीजिंग के 25 लड़ाकू विमानों के बारे में पता चला था. लेकिन कभी कभी, सुर्ख़ियां लिखने वाले ग़ैर-विशेषज्ञ किसी मामूली से तथ्य को एक ब्रेकिंग ख़बर में बदल सकते हैं, जबकि वो वास्तव में ऐसा होता नहीं है.

शी जिनपिंग ने 14 जून को एक सैन्य आदेश जारी किया, जिसका शीर्षक था ‘सैन्य और ग़ैर-युद्ध सैन्य कार्रवाईयों (परीक्षण) की रूपरेखा’. कुछ ही घंटों के भीतर ये आदेश सुर्ख़ियों में आ गया. अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने निष्कर्ष निकाल लिया कि शी के आदेश का मतलब है कि पीएलए युद्ध के अलावा भी ऑपरेशंस को अंजाम दे सकती है- वो ताइवान की ओर इशारा कर रहे थे. आदेश को क़रीब से देखने पर पता चलता है कि शी आपदा राहत, महामारी नियंत्रण, आतंकवाद, या अन्य ग़ैर-परंपरागत सुरक्षा ख़तरों के लिए, सैनिकों को लामबंद करने का सुझाव दे रहे थे.

हमेशा की तरह चीन के साथ हमें बारीकियों को पढ़ना होता है.

चीन की एक और ख़बर जिसने दुनिया भर के लोगों को चकरा दिया, वो थी फास्ट टेलिस्कोप द्वारा पकड़े गए कुछ अस्पष्ट संकेत- जिन्हें ‘पराया’ कहा जा सकता था. लेकिन खगोलविदों ने बुलबुले की हवा निकाल दी.

असामान्य सिग्नल पर पेपर लिखने वाले लेखकों में से एक, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के चीफ टेक्नॉलॉजिस्ट डैन वर्थिमर ने लिखा, ‘ये सिग्नल रेडियो हस्तक्षेप से हैं; ये पृथ्वीवासियों के रेडियो प्रदूषण की वजह से हैं, ईटी से नहीं हैं’.

तो, हमारे लिए कोई परायी सभ्यता नहीं है- फिलहाल हम ही एक दूसरे के साथ हैं.

चीन ने अब एक 825 किलोमीटर लंबी होतान-रूकियांग रेलवे लाइन बनाई है, जिससे टकलामकान रेगिस्तान का 2,700 किमी का लूप पूरा हो गया है, जिससे अब शींजियांग पहुंचना आसान हो जाएगा. रेलवे लाइन से उसका आख़िरी हिस्सा पूरा हो गया है, जिससे अब ख़तरनाक टकलामकान रेगिस्तान से पूरी तरह बचकर निकला जा सकेगा.

चीन के सरकारी रेलवे ग्रुप ने इस रेलवे लाइन के पूरा होने का ऐलान किया, जो शींजियांग के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में स्थित रूकियांग काउंटी को पश्चिम में होतान शहर से जोड़ती है.

रेल लाइन के पूरा होने से कपास, अख़रोट, लाल खजूर और खनिज के परिवहन में सुविधा होगी. लेकिन शींजियांग प्रांत में वीग़र अल्पसंख्यकों के साथ चीन के बर्ताव पर उठे सवाल अभी तक बने हुए हैं. कई बहु-राष्ट्रीय कंपनियां अपनी सप्लाई चेन को शींजियाग से दूर करने के लिए, उसमें विविधता लाने की प्रक्रिया में हैं.

शींजियांग कुछ दूसरे कारणों से भी ख़बरों में है. शींजियांग के पूर्व पार्टी सचिव चेन कुआंगुओ ने सेंट्रल रूरल वर्क लीडिंग ग्रुप के डिप्टी हेड का पद संभाल लिया है.

ऐसी अफवाहें थीं कि चेन को पोलितब्यूरो स्थायी समिति की कुलीन रैंक में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन अब उसकी संभावना नज़र नहीं आती. पॉल्सन संस्थान के एक थिंक-टैंक मैक्रो पोलो के विश्लेषण में कहा गया है, कि चेन की नई हैसियत का मतलब है कि उनके चीन के कुलीन राजनेताओं की जमात में शामिल होने की संभावना नहीं है.

मैक्रो पोलो ने एक इंटरेक्टिव वेब पेज डिज़ाइन किया है, जिसमें उन चीनी नेताओं और अधिकारियों पर नज़र रखी जा रही है, जिनकी इसी साल अक्तूबर या नवंबर में होने वाली नेशनल पार्टी कांग्रेस से पहले, पदोन्नति या पदावनति की जा रही है.


यह भी पढ़ें: मेटावर्स में स्कूल और यूनिवर्सिटी? क्यों वर्चुअल रियलिटी एडटेक को अपनी ओर खींच रहा है


दुनिया की ख़बरों में चीन

मार्च में विदेश मामलों के केंद्रीय आयोग जनरल ऑफिस के निदेशक यांग जिएची और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के बीच हुई मुलाक़ात के बाद से, अमेरिका-चीन भू-राजनीतिक तनावों की नियमित ‘स्वास्थ्य जांच’ की ज़रूरत होती है, ताकि सीधे टकराव से बचा जा सके.

अमेरिका-चीन रिश्तों पर चर्चा के लिए यांग और सुलिवन ने 13 जून को फिर मुलाकात की.

मुलाक़ात के दौरान जिएची ने जेक सुलिवन से कहा, ‘ताइवान मुद्दे का संबंध चीन-अमेरिका रिश्ते की राजनीतिक बुनियाद से है, और अगर उसे ठीक से नहीं संभाला गया तो इसके विध्वंसक प्रभाव होंगे. ये ख़तरा न सिर्फ बना हुआ है बल्कि लगातार बढ़ता रहेगा, चूंकि अमेरिका ‘चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान को इस्तेमाल करने में लगा है’, और ताइवानी पदाधिकारी ‘आज़ादी हासिल करने के लिए अमेरिका पर भरोसा कर रहे हैं’.

15 जून को जिएची ने ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की वर्चुअल बैठक की मेज़बानी की. एनएसए अजीत डोभाल ने 24 जून को ब्रिक्स नेताओं की वर्चुअल बैठक से पहले मीटिंग में शिरकत की. भारत के विदेश मंत्रालय ने मीटिंग पर कोई वक्तव्य जारी नहीं किया, लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय ने नियमित प्रेस कॉनफ्रेंस के दौरान ब्रिक्स एनएसए बैठक के बारे में एक पत्रकार के सवाल का जवाब दिया.

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा पर उच्च प्रतिनिधियों की बैठक ब्रिक्स देशों के लिए एक अहम मंच है, जिससे राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाया जा सकता है’.

एनएसएज़ की बैठक के बाद राष्ट्रपति शी 23 जून को बीजिंग में 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने जा रहे हैं. शिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के अनुसार इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन का विषय होगा ‘नए दौर के लिए वैश्विक विकास भागीदारी को प्रोत्साहन देना है ताकि सतत विकास के 2030 के एजेण्डा को साझा रूप से लागू किया जा सके’. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शरीक होने की काफी संभावना है.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अलावा, भारत ने 2023 में ‘संयुक्त सीमा ऑपरेशन’ करने की चीन की पहल का स्वागत किया है. भारत के सीमा सुरक्षा बल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, कि चीन ‘एकजुटता-2023’ कहे जाने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन करेगा.

बीबीसी की अफ्रीकन आई टीम द्वारा की गई एक जांच में चीन की लोकप्रिय वीडियो-निर्माण इंडस्ट्री के कुछ चौंकाने वाले विवरण सामने आए हैं, जिनमें काले अफ्रीकी बच्चों को जातिवादी बयान दोहराने के लिए उकसाया जाता है.

फरवरी 2020 में अफ्रीका में किसी जगह पर बच्चे एक वीडियो में कह रहे हैं, ‘मैं एक काला राक्षस हूं, और मेरा आईक्यू बहुत कम है’. ये वीडियो चीन में वायरल हो गया जिसका सोशल मीडिया पर काफी विरोध हुआ. बीबीसी अफ्रीका आई रिपोर्टर्स रुनाको सेलीना और हेनरी म्हांगो ने वीडियो की लोकेशन का पता मलावी में निकाल लिया, जहां उन्हें एक ऐसी इंडस्ट्री के काले रहस्यों का पता चला, जो अफ्रीकी बच्चों तथा बड़ों के संदेशों को बढ़ावा देती है, जिनसे चीनी बाज़ार की ज़रूरतें पूरी होती हैं.

जैसा कि अपेक्षा थी मलावी में चीनी दूतावास ने तुरंत ही इन आरोपों का खंडन कर दिया. चाइना डेली द्वारा प्रकाशित एक ओप-एड की सुर्ख़ी में कहा गया, ‘बीबीसी, जातिवाद के लिए कृपया पश्चिम को डायल करें’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

लेखक एक स्तंभकार और स्वतंत्र पत्रकार हैं, जो फिलहाल लंदन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़ (एसओएएस) से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एमएससी कर रहे हैं, जिसका फोकस चीन है. इससे पहले वो बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में एक चीनी मीडिया पत्रकार थे. वो @aadilbrar पर ट्वीट करते हैं. व्यक्त विचार निजी हैं.


यह भी पढ़ें: DU के 50 से अधिक शिक्षक गणित को लेकर प्रस्तावित FYUP सिलेबस का विरोध क्यों कर रहे हैं


Exit mobile version