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बेंगलुरु के पास है एक ‘एप्रूव्ड पेट लिस्ट’ जिसमें गोल्डन रिट्रीवर के लिए नहीं है जगह

approved list’ for pets
गोल्डन रेट्रिवर का चित्र । पिक्साबे

नए नियमों के अनुसार आप बीगल, कॉकर स्पैनियल, बॉक्सर, या भारतीय कुत्ते नहीं रख सकते ,‘जर्मन शेफर्ड’ के मालिकों को भी अपने कुत्तो के मुँह पर जाली लगा कर रखना पड़ेगा।

मेरे पास सात कुत्ते है। मेरा इरादा इतने सारे रखने का नहीं था लकिन ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि उन्हें अपने पिछले मालिकों द्वारा छोड़ दिया गया था या उन पर दवाइयों के परीक्षण का प्रयोग किए जाने के बाद प्रयोगशालाओं से रिहा किया गया था। उनमें से प्रत्येक मेरे पास इसलिये आये क्योंकि उनके पास कहीं और जाने की जगह नहीं थी।

और अब, भय के साथ मैंने नए उप-कानूनों में पढ़ा कि मेरे शहर के नागरिक निकाय बीबीएमपी (बेंगलुरु नगर निगम) ने ‘पेट ओनरशिप’ नामक नया कानून जारी किया है। यह कानून एक अपार्टमेंट में केवल एक कुत्ते को और एक निजी आवास में तीन कुत्ते रखने की अनुमति देता है ।

सबसे पहले, इस देश का नागरिक होने के नाते यह मेरा संवैधानिक अधिकार है कि मैं जितने चाहू उतने कुत्ते रखूँ विशेषतः उस स्थिति में जब मैं आर्थिक रूप से सक्षम हूँ, उनकी देखभाल करने के लिये मैं उन्हें उनके गले में बांधे जाने वाले पट्टे के साथ टहलाने ले जा सकती हूँ, उनका मल उठा सकती हूँ और साथ ही में यह सुनिश्चित कर सकती हूँ कि वे सार्वजनिक स्थलों पर अच्छी तरह से व्यवहार करें।

हमें यह भी बताया गया कि हम कौन से कुत्ते को रखना चाहते हैं इसका चुनाव कर सकते हैं और अतिरिक्त कुत्तों को उनके आश्रयों वाले स्थानों पर छोड़ सकते हैं।

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शेल्टर के फ़ोन की घंटी लगातार बज रही है और परेशान परिवार उनको काल करके अपने कुत्तों को शेल्टर में ले जाने की दरखास्त करते है। अब किस शेल्टर में इतनी जगह है कि वे इस तरह से हज़ारों कुत्तों को रख सके ।हम पहले से ही इस तरह के एक मामले को जानते है जहाँ एक कुत्ते को हाईवे पर छोड़ दिया गया था, शायद उस परिवार के द्वारा जो अपने मकान मालिक की इस नियम के बात की प्रक्रिया से डरता था। इस तरह का भय लोगों के बीच है।

उप-कानून सूची के अनुसार 64 नस्लों के कुत्ते अपार्टमेंट में रह सकते हैं। मैं अपने जीवन का प्रत्येक दिन कुत्तों के साथ व्यतीत करती हूँ, मैं प्रतिदिन कुत्तों का काम करती हूं, उनको खतरों से बचाती हूँ और उनको पुनः नया घर दिलाने का प्रयास करती हूँ। मैंने उस सूची में दी गई कुत्तों की नस्लों में से आधे से ज्यादा के बारे में नहीं सुना हैं। उनके पास उस सूची में बीगल, कॉकर स्पैनियल, गोल्डन रिट्रीवर्स, बॉक्सर्स जैसी आम नस्लें नहीं हैं, लेकिन आप उन्हें हमारे शेल्टर्स में पा सकते हैं।

वे इस उत्कर्ष्ठ सूची में अपने भारतीय मूल का कुत्ता भी जोड़ना भूल गए हैं – यह नस्ल हजारों में हमारी सड़कों पर पायी जाती है और इनको घर में रखने का अधिकार होना चाहिए। इस सूची में चीनी टेम्पल डॉग, बोलोग्नीज़, हैरलेस जैसी नस्ल के कुत्ते हैं। हाल ही मिली जानकारी के मुताबिक यह सूची सिंगापुर के आवास और विकास बोर्ड दिशानिर्देश से शीघ्र ही उठाई गई है। जब ये बाबू लोग सिंगापुर में अध्ययन के दौरे पर गए तो हम लोग उम्मीद कर रहे थे बेहतर सड़कों की , ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की और जन सार्वजनिक परिवहन की लकिन हम पर यह सूची थोप दी गई है ।

आधारहीन जानकारी

उन्होंने उन नस्लों को भी सूचीबद्ध किया है जिन्हें सार्वजनिक स्थानों पर ‘मजल’ (मुँह पर जाली) पहनना होगा।

इनमें रोटवीलर, जर्मन शेफर्ड के साथ कई अन्य भी शामिल हैं जिनके बारे में मैंने कभी नहीं सुना है। एक नस्ल जिसके बारे में मैंने सुना है वो है ‘केन कोरो मास्टिफ़’, मेरे जीवन का प्रकाश ‘जेना ‘इसी नस्ल से है जो कि शेल्टर में लगभग तीन साल बिताने के बाद हमारे पास घर आई। वह अत्यंत दुर्व्यवहार के बाद आयी और उसे मजल पहनना पसंद नहीं हैं। वह टहलना पसंद करती है और बाहर निकलने पर अपने काम से मतलब रखती है तो फिर उसे मजल क्यों पहनना चाहिए ।

एक व्यक्ति ने हाल ही में रोटवीलर पिल्ला लिया था उससे हमें एक उत्तेजित काल आया उप-कानूनों को पढ़ने के बाद, उसने सोचा कि यह एक जंगली नस्ल है जिसे सार्वजनिक जगहों पर हर समय मजल पहनने की आवश्यकता होगी और शायद वह उसके परिवार पर हमला भी कर सकती है। वह व्यक्ति उस पिल्ले को छोड़ गया है और अब उसे एक नया घर चाहिए होगा।

जबकि हम लोगों को शिक्षित करने के लिए इतनी मेहनत करते हैं कि नस्लों को लेकर पक्षपात पूर्ण रवैया ना अपनाए और अब हमें इसका सामना करना पड़ेगा।

बीबीएमपी को अपनी ध्यान को दो पहलुओं पर केंद्रित करने की जरूरत है, जिनमें से दोनों भारी रूप से विफल है।

पहला है- भटके रहे कुत्तों और उनकी बढती हुई आबादी का प्रबंधन करने के लिए एक मजबूत एबीसी कार्यक्रम स्थापित करना चाहिए और एक साथ जन्म ले रहे नवजात पिल्लों को बढ़ते मानव-पशु संघर्ष के चलते सड़कों पर हो रही दुर्घटनाओं से बचाया जाना चाहिए।

दूसरा प्रजनन उद्योग को विनियमित करना है। पिल्लों के नवजात एक साथ पैदा किये जाते हैं वस्तुओं की तरह क्रय विक्रय हेतु। जो कुत्ते एक प्रजनक के रूप में उपयोगी नहीं रहते वे सड़कों पर छोड़ दिये जाते हैं और कुछ पिल्ले तो स्वास्थ्य समस्याओं के या जब वे आकर्षक नहीं रह जाते तो छोड़ देये जाते है। वेल्फेयर वर्कर्स लगातार फैली इस गड़बड़ी की सफाई कर रहे हैं।

एकजुट परिवार

हमारे अधिकांश घर कई कुत्तों से भरे हुए हैं क्योंकि उन्हें भी घर की आवश्यकता है। यह उप-कानून भविष्य की उन संभावनाओं को भी कम करेगा जिसमें बचाए गए कुत्तों को प्यारे परिवार के साथ रहने को मिले।

पिछले तीन दिनों में, नागरिकों ने वापस इस पर प्रहार किया है। हमने अधिकारियों को यह बताने के लिए #NotWithoutMyDog नामक एक अभियान शुरू किया है इसके तहत हम हमारे पालतू जानवरों को रखने हेतु इस कानून को समाप्त करने के लिये लड़ेगें।

ऑनलाइन शुरू किया गये हस्ताक्षर अभियान ने तीन दिनों में 12,000 से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त कर लिए हैं, #NotWithoutMyDog इस हफ्ते ट्विटर पर ट्रेंडिंग रहा था, और इंस्टाग्राम व फेसबुक पर वायरल हो चुका है। बेंगलुरु व बेंगलुरु के बाहर के वे परिवार भी  एकजुटता में हमारे साथ खड़े हैं जिनके घर में कुत्ते नहीं है। मास मीडिया चैनलों के पास हमारी कहानी लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

हमारे एक समूह ने बुधवार को मेयर और बीबीएमपी के संयुक्त आयुक्त से मुलाकात की। लोगों की आवाज़ उनके कानों तक पहुंच गई है। 16 जून को अगली परिषद की बैठक होने तक उप-कानूनों को रोक दिया गया है।

संगठनों द्वारा याचिका दायर करने के साथ कानूनी सहारा भी लिया जा रहा है और इस निर्दयी असंवैधानिक उप-कानूनों के खिलाफ लोग पीआईएल दाखिल कर रहें हैं। परिवार का मतलब है एक साथ रहना और हम अपने कुत्तों के लिये अपनी पीठ नहीं दिखायेंगे।

चिंतना गोपीनाथ एक बेंगलुरू स्थित समूह, कम्पेसन प्लस एक्शन समित के साथ एक स्वयंसेवी है,जो कुत्तो को बचाता है और कुत्तो को वापस घर दिलाता है।वह ‘पपकेक’नामक एक डॉग बेकरी भी चलाती है।

Read in English : Bengaluru has an ‘approved list’ for pets and your Golden Retriever didn’t make it

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