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‘औपनिवेशिक हैंगओवर के अंत’ के रूप में संसद का उद्घाटन और पुजारियों के प्रकोप से बचें पहलवान

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.

सतीश आचार्य | via @satishacharya

सतीश आचार्य आज के प्रदर्शित कार्टून में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए नये संसद भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को हिरासत में लिए जाने पर तंज कसते हैं.

संदीप अध्वर्यु | @CartoonistSanSandeep भी पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच हुई हाथापाई की पृष्ठभूमि में संसद भवन के उद्घाटन समारोह की ओर इशारा करते हैं.

साजिथ कुमार अपने इस चित्रण में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन में रविवार सुबह पुजारियों द्वारा धार्मिक अनुष्ठानों के साथ राजदंड, या सेंगोल की स्थापना पर कटाक्ष करते हैं.

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इस कार्टून में आर प्रसाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की परंपरा की ओर इशारा करते हैं जब उन्हें लोकतांत्रिक भारत के लिए शाही ब्रिटिश से सत्ता हस्तांतरण के तौर पर सेंगोल दिया गया था.

नाला पोनप्पा अपने कार्टून के जरिए कर्नाटक में एक व्यक्ति को कई विभाग आवंटित किए जाने का मजाक उड़ा रहे हैं, जैसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कैबिनेट मामलों, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग, खुफिया, सूचना, आईटी और बीटी, बुनियादी ढांचा विकास, और आवंटित न किए सभी पोर्टफोलियो अपने पास रखे हैं.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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