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‘नये संसद भवन के उद्घाटन में सिर्फ एक पार्टी’ और क्या ‘नारी शक्ति’ व्यवस्था से ‘कुश्ती’ लड़ सकती है

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.

सतीश आचार्य | | via @satishacharya

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं.जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर कार्टून में, सतीश आचार्य 20 विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने की हाल की घोषणा पर कटाक्ष करते हैं. रविवार को होने वाले इस उद्घाटन समारोह को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है.

कार्टूनिस्ट आलोक निरंतर भी नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर उठे विवाद पर व्यंग कर रहे हैं.

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नाला पोनप्पा भी नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर चल रहे मौजूदा विमर्श पर टिप्पणी करते हैं. कार्टून में तंज कसते हुए वह एक शख्स यह बताते हुए दिखाते हैं कि कैसे इस विवाद पर अस्पष्टता दूर की जा सकती है, लेकिन एक शर्त पर, राष्ट्रपति शब्द का इस्तेमाल किए बिना, तो उसका साथी हास्यपूर्ण जवाब देता है, ‘अभूतपूर्व.’

ईपी उन्नी भी विपक्ष के बहिष्कार पर तीखी टिप्पणी करते हैं, समारोह से विपक्षी दलों की अनुपस्थिति को लेकर वह सवाल करते हैं कि यह कार्यक्रम ‘एक पार्टी के जरिए भला कैसे हो पाएगा?’.

संदीप अध्वर्यु यूपीएससी आईएएस 2022 के परिणामों की घोषणा पर पूरे भारत में शीर्ष चार रैंक हासिल करने वाली चार महिलाओं पर ध्यान खींचते हैं. अध्वर्यु जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की ओर इशारा करते हुए पूछते हैं कि क्या यह ‘नारी शक्ति’ व्यवस्था से ‘कुश्ती’ लड़ सकती है.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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