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भारतीय पत्रकारों की आंख खोलने वाले नोबल पुरस्कार विजेता और बाबा साहेब के लिए ‘राष्ट्रीय सम्मान’

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून

सजित कुमार | Deccan Herald

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के फीचर्ड कार्टून में सजित कुमार फिलीपीन्स की मारिया रेसा और रूस की दिमित्री मुराटोव से तुलना करके भारतीय पत्रकारिता की स्थिति दिखा रहे हैं, जिन्हें इस साल ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ की रक्षा के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

नाला पोन्नप्पा | Twitter/@PonnappaCartoon

नाला पोन्नप्पा ने इस तथ्य पर टिप्पणी की है कि कई सालों तक सस्ता रहने के बाद डीज़ल के दाम लगभग पेट्रोल की कीमत के बराबर हो गए हैं.

आर प्रसाद | Economic Times

आर प्रसाद ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की उस टिप्पणी की आलोचना की है जिसमें उसने संसद को हिन्दू देवता राम व कृष्ण और रामायण व भगवत गीता लिखने वाले ‘वाल्मिकी’ और ‘वेद व्यास’ को ‘राष्ट्रीय सम्मान’ देने के लिए कानून पारित करने की बात कही है. आर प्रसाद जज को डॉ. बीआर अंबेडकर और उनके मौलिक काम, भारतीय संविधान को सलाह दे रहे हैं कि ‘राष्ट्रीय सम्मान’ देने की सलाह दे रहे हैं.

सतीश आचार्या | Twitter/@satishacharyaटाटा सन्स के एयर इंडिया एयरलाइन की बोली जीत जाने और उसे हासिल करने के बाद सतीश आचार्या एयर इंडिया के संस्थापक जेआरडी टाटा को अपने कार्टून के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.

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मंजुल | Vibes of India

मंजुल ‘एक्स्ट्रा बैगेज’ की बात कहकर तंज़ कस रहे हैं कि एयर इंडिया 61,560 करोड़ रूपयों के कर्ज़ में है और मोदी सरकार से टाटा ने एयरलाइन को हासिल कर लिया है.

आलोक निरंतर | Twitter/@caricatured

छह राज्यों में बिजली सप्लाई को लेकर चिंता के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के देश में कोयले की कमी से इंकार करने को लेकर आलोक निरंतर उनकी आलोचना कर रहे हैं.

(इस लास्ट लाफ्स को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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