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भूल जाने का संविधान का अधिकार और बाजवा ने आखिरी बार पाकिस्तानी सेना को ‘संबोधित’ किया

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए पूरे दिन के सबसे अच्छे कार्टून.

कीर्तिश भट्ट | Twitter @kirtishbhat

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज के प्रदर्शित कार्टून में, कीर्तिश भट्ट उन भारतीय मंत्रियों पर कटाक्ष कर रहे हैं जो मंत्रिस्तरीय शपथ लेते समय संविधान की शपथ लेते हैं लेकिन शायद ही कभी इसका पालन करते हैं.

संदीप अध्वर्यु | Twitter @CartoonistSan | Times of India

संदीप अध्वर्यु पाकिस्तान के सेवानिवृत्त सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा द्वारा दिए गए एक भाषण पर टिप्पणी करते हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान की हार एक ‘राजनीतिक विफलता थी न कि सैन्य विफलता.’

मंजुल | Twitter @MANJULtoons| NewsLaundry

कार्टूनिस्ट मंजुल ने केंद्र सरकार द्वारा चुनाव आयोग के प्रमुख अरुण गोयल की त्वरित नियुक्ति को दर्शाया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर और बिना किसी विचार-विमर्श के प्रक्रिया पूरी होने के बाद सवाल उठाया था.

सतीश आचार्य | Twitter @SatishAcharya | Molitics

सतीश आचार्य ने चुनावी गुजरात में एक अभियान रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जहां उन्होंने दावा किया था कि गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों को एक सबक सिखाया गया था और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ) ‘सरजमीं पर शांति लाई’ थी.

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इरशाद कप्तान | Twitter @irshadkaptan1

इरशाद कप्तान ने पिछले हफ्ते बाबा रामदेव द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों की ओर इशारा किया है, जिसने योग गुरु को संकट में डाल दिया है. महिलाओं के लिए एक फ्री योग ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान उन्होंने कहा था, ‘महिलाएं साड़ियों में अच्छी लगती हैं, सलवार सूट में अच्छी लगती हैं और मेरी नजर में कुछ ना भी पहनें तो भी अच्छी लगती हैं.’

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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