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एक स्वामी जिन्होंने ‘धर्म संसद’ में संस्कृति नष्ट की और महाराजा का वोडाफोन वाले कुत्ते से सवाल

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे कार्टून्स.

संदीप अधर्व्यु | The Times of India

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

आज खास तौर से चित्रित कार्टून में, संदीप अध्वर्यु दर्शाते हैं कि स्वामी विवेकानंद, जिन्होंने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में सार्वभौमिक सहिष्णुता के बारे में बात की थी, वैसी आज के समय की ‘धर्म संसद‘ में नफरती भाषण के आरोप लगे हैं. 12 जनवरी को विवेकानंद की जयंती थी.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मंत्रियों और विधायकों के दलबदल पर, मंजुल टिप्पणी करते हैं कि कैसे एक पूर्व मंत्री, स्वामी प्रसाद मौर्य को ऐसा करने पर उन्हें सात साल पुराने मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
आलोक निरंतर दो शुभंकरों – एयर इंडिया के महाराजा और वोडाफोन आइडिया (VI) कंपनी के पहले के अवतारों में  जुड़े पग (छोटे कुत्ते) के बीच एक मुलाकात को चित्रित करते हैं – कर्ज में डूबे तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी में 36 फीसदी हिस्सेदारी लेने और जीवन रेखा मानी जाने वाली एयरलाइन को कम दाम में बेचने को लेकर सरकार के फैसले पर आश्चर्य जताते हैं.

डेक्कन हेराल्ड मे साजिथ कुमार भी नरेंद्र मोदी सरकार के मुश्किल से जूझ रहे वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ा शेयरधारक बनने के फैसले को चित्रित करते हैं, ऐसे समय में जब आम भारतीय आर्थिक दबाव में है.

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जैसा कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपशब्द एक पसंदीदा रणनीति बन गई है, कीर्तिश भट्ट बीबीसी हिंदी के अपने चित्रित कार्टून में सुझाव देते हैं कि भारत का चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि राजनीतिक नेता अपने प्रचार भाषणों का 25-30% जन कल्याण से संबंधित मुद्दों को समर्पित करें.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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