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लास्ट लॉफ, केजरीवाल के लिए एक नौकरी का अवसर, एक खोखला एससी/एसटी अधिनियम और डीजल की प्राणघाती मार

Sajith Kumar | Twitter
Sajith Kumar | Twitter

द प्रिन्ट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सबसे अच्छे भारतीय कार्टून।

चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं जैसे प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या सोशल मीडिया पर, और इन्हें उचित श्रेय भी मिला है।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के ऊपर सर्वोच्च न्यायालय के हालिया अत्याचार निरोधक आदेश को कम करने के फैसले और इसके परिणामस्वरूप भारत बंद आज के कार्टून का प्रमुख विषय था।

प्रमुख कार्टून में, जब से 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद उन्होंने ‘अच्छे दिनों’ का वादा किया है, तब से संजीत कुमार ने दलित समुदाय के गुस्से और उनकी संवेदनाओं की अगुआई की है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के संदीप अध्वर्यु ने स्पष्ट किया कि कैसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने पहले से ही लचर (एससी/एसटी) धारा को और लचर दर दिया है।

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मिड-डे संस्करण में मंजूल ने अरविंद केजरीवाल के माफी मांगने पर खूब मजाक उड़ाया, जिसमें उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से माफी मांगी। उन्होंने सुझाव दिया कि केजरीवाल की माफी का मोदी के मंत्रिमंडल में बहुत ही अच्छा उपयोग किया जाएगा।

अमल चक्रवर्ती द्वारा समाचार पत्रों में दिखाया गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी आम व्यक्ति को किस तरीके से मार रही है।
दैनिक जागरण में माधव

जोशी बताते हैं कि भाजपा और आरएसएस के बीच मतभेद उत्पन्न हुए हैं। आरएसएस प्रमुख ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी के बहुप्रतीक्षित वाक्यांश ‘कांग्रेस-मुक्त भारत’ संघ की भाषा का हिस्सा नहीं था।

Sandeep Adhwaryu | Times of India
Manjul | Mid-day
Amal Chakrabarti | Sangbad Pratidin

(‘डीजल’ और ‘पेट्रोल’)

Madhav Joshi | Dainik Jagran

(बैलून जहाँ लिखा है: ‘कांग्रेस मुक्त भारत’
मोहन भागवत: यह मेरी राय नहीं है)

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