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भारतीय कुश्ती संघ के चुनावों पर लगी रोक, WFI के प्रमुख बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवान

खेल मंत्रालय ने चुनावों को लेकर कहा है कि भारतीय ओलंपिक संघ एक एड-हॉक कमेटी बनाएगा जो 45 दिनों में कुश्ती महासंघ के चुनाव कराएगी. ये कमेटी ही खिलाड़ियों का चुनाव कर सकेगी और रोजमर्रा के कामों पर नजर रखेगी.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध करते भारतीय पहलवान | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट
दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध करते भारतीय पहलवान | फोटो: मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव पर खेल मंत्रालय ने रोक लगा दी है. अगले महीने होने वाले इन चुनावों को रद्द करने का फैसला ऐसे समय में आया जब कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ पहलवाल जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से सोमवार को एक रिपोर्ट मांगी और पहलवानों की ताजा शिकायत की जांच शुरू कर दी है.

खेल मंत्रालय ने चुनावों को लेकर कहा है कि भारतीय ओलंपिक संघ एक एड-हॉक कमेटी बनाएगा जो 45 दिनों में कुश्ती महासंघ के चुनाव कराएगी. ये कमेटी ही खिलाड़ियों का चुनाव कर सकेगी और रोजमर्रा के कामों पर नजर रखेगी.

सुप्रीकम कोर्ट को रूख करेंगे पहलवान

ऐस भारतीय पहलवान विनेश फोगट और अन्य पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.

वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया, जिन्होंने उन्हें कल मामले का फिर से उल्लेख करने के लिए कहा क्योंकि उनकी याचिका आज की उल्लिखित मामलों की सूची में नहीं थी. विनेश फोगट और अन्य सात पहलवानों ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि वह दिल्ली पुलिस को बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जारी करे क्योंकि ऐसा करने में अत्यधिक देरी हो रही है.

मामले से जुड़े वकील के मुताबिक याचिकाकर्ता तत्काल सुनवाई के लिए कल फिर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

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दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा, “जांच समिति से एक रिपोर्ट मांगी गई है और उसके बाद, जांच को एक दिशा मिल सकती है. डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ सात खिलाड़ियों ने शिकायत दर्ज कराई थी. समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद कई तथ्य सामने आएंगे.”

इस जनवरी में देश के कुछ प्रमुख पहलवानों के विरोध के बाद, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई और उसके प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह और अन्य कोचों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक ‘निरीक्षण समिति’ के गठन की घोषणा की थी.

समिति को मंत्रालय को इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का काम सौंपा गया था.

पहलवानों ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को कनॉट प्लेस पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराने के बाद राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर अपना धरना फिर से शुरू कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि बृज द्वारा एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों को परेशान किया गया और उनका शोषण किया गया.

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि इस बार उनके साथ जुड़ने के लिए “सभी राजनीतिक दलों का स्वागत है” और वे तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक कि भाजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती.

पुनिया ने एएनआई को बताया, “शिकायत किए हुए 48 घंटे से अधिक हो गए हैं, लेकिन अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.”

दिग्गज पहलवान ने कहा कि इस बार वे किसी को मना नहीं करेंगे और जो भी उनके विरोध का समर्थन करना चाहता है, वह आ सकता है और इसमें शामिल हो सकता है.

उन्होंने कहा, “…इस बार, सभी दलों का हमारे विरोध में शामिल होने के लिए स्वागत है, चाहे वह बीजेपी, कांग्रेस, आप या कोई अन्य पार्टी हो..हम किसी भी पार्टी से संबद्ध नहीं हैं.”

दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया है.

बजरंग पुनिया, विनेश फोगट, रवि दहिया और साक्षी मलिक सहित शीर्ष भारतीय पहलवानों ने इस साल जनवरी में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें बृजभूषण को प्रधान कार्यालय से हटाने और भारतीय कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग की गई थी. उन्होंने डब्ल्यूएफआई निकाय और उसके प्रमुख पर पहलवानों के यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था.


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