होम देश यूपी के जेलों में मोबाइल एवं इंटरनेट का उपयोग करने पर हो...

यूपी के जेलों में मोबाइल एवं इंटरनेट का उपयोग करने पर हो सकती है तीन से पांच साल तक की सजा

उत्तर प्रदेश में कारागार अधिनियम में जरूरी संशोधन कर दण्ड को और अधिक कठोर बनाये जाने का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद द्वारा मंजूर किया जा चुका है.

news on coronavirus
प्रतीकात्मक तस्वीर | पिक्साबे

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की जेलों में मोबाइल फोन एवं इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले बंदियों तथा गलत पहचान विवरण के साथ कारागारों में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी.

शासन के निर्णय के अनुसार यदि कोई बंदी किसी कारागार परिसर के अन्दर अथवा उसके बाहर कोई अपराध करने का प्रयास करने, दुष्प्रेरित करने, षड्यंत्र करने आदि के लिए किसी बेतार संचार युक्ति (मोबाइल फोन आदि) का प्रयोग करते हुये पाया जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप कोई अपराध किया जा सकता है, तो दोष सिद्ध होने पर उसे 3 से 5 साल तक की जेल की सजा हो सकती है अथवा 20 हजार से 50 हजार रूपये तक का अर्थदण्ड लगाया जा सकता है, या दोनों से दण्डित किया जा सकता है.

इसके लिए कारागार अधिनियम में जरूरी संशोधन कर दण्ड को और अधिक कठोर बनाये जाने का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद द्वारा मंजूर किया जा चुका है.

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बुधवार को एक बयान में बताया कि इस संबंध में वर्तमान में दण्ड के प्रावधान को और अधिक कठोर बनाये जाने के लिए सजा में वृद्धि कर अपराध को संज्ञेय बनाये जाने की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये शासन द्वारा उक्त कार्रवाई की गई है, ताकि कारागारों में निरूद्ध बंदियों द्वारा संचालित आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके.

Exit mobile version