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यूक्रेन के चिकित्सा विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की, विद्यार्थियों ने ली राहत की सांस

(विशु अधाना)

नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) यूक्रेन के कई चिकित्सा विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की है जिससे रूसी हमले के कारण वहां से स्वदेश आने के पश्चात अपने भविष्य को लेकर चिंतित भारतीय विद्यार्थियों के लिए उम्मीद की एक किरण जगी है।

हालांकि कुछ विद्यार्थियों की चिंताएं प्रैक्टिकल कक्षाएं नहीं कर पाने को लेकर हैं।

कई चिकित्सा विश्वविद्यालयों ने सोमवार से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की हैं, क्योंकि रूसी सैन्यबलों की निरंतर गोलाबारी के कारण यूक्रेन में प्रत्यक्ष कक्षाएं लगाना असंभव हो गया है। उनमें से ज्यादातर विश्वविद्यालय पश्चिमी यूक्रेन में हैं।

भारतीय विद्यार्थियों के अनुसार, आने वाले दिनों में अन्य विश्वविद्यालयों ने भी ऑनलाइन कक्षाएं बहाल करने की योजना बनायी है।

डेनाइलो हैलीटैस्की ल्वीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, इवानो-फ्रैंकिवस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, विन्नीत्सिया नेशनल पिरोगोवा मेडिकल यूनिवर्सिटी और बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल विश्वविद्यालय ने सोमवार को ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कीं।

भारतीय विद्यार्थियों ने कहा कि लगातार गोलाबारी के बीच उनके अध्यापक अपने घरों या सुरक्षित स्थानों से कक्षाएं ले रहे हैं।

डेनाइलो हैलीटैस्की ल्वीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रथम वर्ष के छात्र कनिष्क ने कहा कि वह राहत महसूस कर रहे हैं कि कक्षाएं बहाल हो गयी हैं, क्योंकि वह अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित थे।

कनिष्क ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कुछ भी नहीं से थोड़ा ही सही बेहतर है। मैं खुश हूं कि आखिरकार कक्षाएं बहाल हो गयीं। हम वाकई इस बात से चिंतित थे कि अब हमारे भविष्य का क्या होगा, क्योंकि यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध में उलझा दिया गया है।’’

प्रथम वर्ष की छात्रा मनोज्ञा ने कहा, ‘‘शिक्षक बहुत भावुक हो गये। हमने युद्ध के बारे में थोड़ी-बहुत चर्चा की। वे छिपकर किसी स्थान या सुरक्षित स्थानों से हमें पढ़ा रहे हैं। मैं खुश हूं कि कक्षाएं बहाल हो गयीं।’’

ऑपरेशन गंगा के तहत भारत सरकार 20000 से अधिक भारतीय विद्यार्थियों को यूक्रेन से वापस लायी है।

भाषा

राजकुमार सुरेश

सुरेश

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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