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असम के तिनसुकिया में गैस का कुंआ फटने के मामले में आयल इंडिया लिमिटेड के दो कर्मचारी निलंबित

आयल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों के अनुसार 15 दिन से कुंए से निकलती गैस और विषैली बूंदें बड़े क्षेत्र में फैल गईं और आग लगने से घटनास्थल से एक किलोमीटर के दायरे में आने वाली हर चीज जल कर राख हो गई.

तिनसुकिया जिले के बाघजन में गैस का एक कुंआ फटने के बाद निकलती आग | एएनआई

गुवाहाटी: असम के तिनसुकिया जिले के बाघजन में गैस का एक कुंआ फटने के मामले में आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने कथित तौर पर ड्यूटी के समय लापरवाही बरतने के लिए दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

कंपनी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

बाघजन में 27 मई को गैस का कुंआ फटने के बाद लगातार गैस का रिसाव हो रहा है.

अधिकारी ने बताया, ‘कंपनी एक आतंरिक जांच कर रही है और हमने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है जिन पर कुंए की जिम्मेदारी थी. जांच समाप्त होने के बाद उनकी भूमिका पर निर्णय लिया जाएगा.’

इससे पहले ओआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुशील चंद्र मिश्रा ने कहा कि पांच सदस्यीय एक जांच समिति का गठन किया गया है और प्रथम दृष्टया मानवीय भूल का कोई भी साक्ष्य मिलने पर कंपनी के कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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मिश्रा ने कहा कि कंपनी ने गैस के कुंए के निजी संचालक जॉन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

ओआईएल ने बुधवार को कहा कि बाघजन कुंए की आग बुझाने में उसके दो अग्निशमन कर्मियों की मौत हो गई.

कुंए में इतनी भीषण आग लगी है कि उसे 30 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है.

कई मीटर ऊंचे उठते काले धुएं से डिब्रु सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान की स्थानीय जैव विविधता को भी खतरा उत्पन्न हो गया है.

आयल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों के अनुसार 15 दिन से कुंए से निकलती गैस और विषैली बूंदें बड़े क्षेत्र में फैल गईं और आग लगने से घटनास्थल से एक किलोमीटर के दायरे में आने वाली हर चीज जल कर राख हो गई.

असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने विस्फोट और उसके बाद लगी आग पर चिंता जताई और इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को उनकी लापरवाही के लिए दोषी ठहराया.

ओआईएल ने 27 मई को गैस का कुंआ फटने के बाद कहा था कि 1,610 परिवारों को क्षेत्र से सुरक्षित निकाल लिया गया है और चार राहत शिविरों में रखा गया है.

इससे पहले डिब्रु सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित मागुरी मोटापूंग बील में नदी में रहने वाली डॉलफिन समेत कुछ और मरी हुई मछलियों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.

इसके बाद असम वन विभाग ने घटना के संबंध में 29 मई को ओआईएल को नोटिस जारी किया था.

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