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ट्विटर ने पहले उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल अकाउंट से ब्लू टिक हटाया विवाद बढ़ा तो फटाफट लगाया

विवाद बढ़ने के बाद ट्विटर ने जहां उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अकाउंड पर ब्लू टिक कुछ घंटों में बहाल कर दिया लेकिन आरएसएस के मोहन भागवत सहित कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के भी हैंडल से ब्लूटिक हटा दिया.

उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से हटाया गया ब्लू टिक

नई दिल्ली: ट्विटर ने शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट से सत्यापन वाला ब्लू टिक हटा दिया था लेकिन भारी विरोध देखते हुए उसे कुछ ही घंटों में बहाल भी कर दिया. यही नहीं ट्विटर ने आरएसएस और संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के निजी अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है.

इसके साथ ट्विटर ने आरएसएस के भी कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के भी हैंडल से ब्लूटिक हटा दिया है और उसे अनवेरीफाईड की कैटेगरी में डाल दिया है इनमें कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी, सुरेश जोशी और अरुण कुमार प्रमुख हैं.

मोहन भागवत का एकाउंट वैरीफाई किया गया

हालांकि ट्विटर ने इसे लेकर सफाई भी दी है. ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा है कि ‘हमारी वैरिफाइड पॉलिसी के अनुसार अगर किसी का अकाउंट एक साल से अधिक समय से बंद रहता है तो उससे ब्लू टिक हटा दिया जाता है और उसे अनवैरिफाइड कर दिया जाता है.’

कंपनी ने ये भी कहा है, ‘जितने भी अकाउंट से ब्लू टिक हटाए गए हैं उसपर साल 2020 से उन हैंडल से एक भी ट्वीट नहीं किया गया था.’

उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि ट्विटर पर नायडू का निजी अकाउंट लंबे समय से निष्क्रिय था और ट्विटर अलगोरिद्म ने ब्लू टिक हटा दिया.

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उन्होंने बताया कि ट्विटर सत्यापन पहचान को बहाल करने की प्रक्रिया में है. उपराष्ट्रपति के इस निजी अकाउंट से पिछले साल 23 जुलाई को आखिरी बार पोस्ट की गयी थी.

उपराष्ट्रपति ट्वीट करने के लिए आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि अकाउंट से ब्लू टिक हटने के बारे में शनिवार सुबह पता चलने के बाद ट्विटर से संपर्क किया गया और इसके बाद ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया.

ट्विटर ने कहा कि यह अकाउंट जुलाई 2020 से निष्क्रिय था और अब उसे सत्यापित करने वाले ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है। उपराष्ट्रपति ट्वीट करने के लिए आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं.


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