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टनल हादसा: मलबे में फंसी ऑगर मशीन को काटने के लिए प्लाज्मा कटर लाया जा रहा, वर्टिकल ड्रिलिंग की भी तैयारी

12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चल रहा अभियान शनिवार को 14वें दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन अभी तक सफलता मिलती नहीं दिख रही है.

उत्तरकाशी का निर्माणाधीन सुरंग, जिसमें 41 मजदूर फंसे हुए थे | फोटो: सूरज सिंह बिष्ठ | दिप्रिंट

नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कहा कि उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग के मलबे में फंसी ऑगर मशीन को काटने के लिए हैदराबाद से एक प्लाज्मा कटर लाया जा रहा है.

सुरंग की साइट का दौरा करने के बाद, धामी ने कहा कि सिलक्यारा की ओर से मलबे में फंसी ड्रिलिंग करने वाली अमेरिकी ऑगर मशीन को कल सुबह तक बाहर निकाले जाने की उम्मीद है. बता दें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में एक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर मलबा गिरने के चलते 12 नवंबर से 41 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंसे हुए हैं.

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए इन स्थितियों को “बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण” बताया. उन्होने कहा कि जिस तरह से मशीन मलबे में ड्रिलिंग कर रही थी और फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए पाइप लगा रही थी, वह कुछ दूर जाकर फंस गई थी.

मुख्यमंत्री ने कहा, “हर कोई जानता है कि यह बचाव अभियान कठिन और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया जा रहा है. मशीन इतने करीब पहुंचकर फंस गई और बंद हो गई. हम उम्मीद कर रहे हैं कि कल सुबह तक यह मशीन बाहर आ जाएगी और उसके बाद ऑपरेशन मैन्युअल रूप से आगे बढ़ेगा.” 

धामी ने कहा, “हम सभी विकल्पों पर काम कर रहे हैं. ऑगर मशीन के फंसे हिस्से को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन मंगवाई गई है.”

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बता दें कि अमेरिकी निर्मित आर्गर मशीन जब ड्रिलिंग कर रही थी तो अंदर किसी धातु से टकरा गई जिसके चलते मशीन को शुक्रवार के शाम के बाद ड्रिलिंग बंद करना पड़ा. 

धामी ने कहा कि उन्होंने सुरंग के अंदर फंसे निर्माण श्रमिकों से बात की है और उनका मनोबल बढ़ाया है.

धामी बोले, “मैंने अंदर फंसे गब्बर सिंह, सभा अहमद और शरिया मिश्रा से बात की है. उन सभी का मनोबल बिल्कुल मजबूत है. उन्होंने मुझे बताया कि वे ठीक हैं और उन्हें समय पर खाना मिल रहा है.”

धामी ने आगे कहा, “हम भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि रेस्क्यू जल्द से जल्द पूरा हो. भारत सरकार अपने स्तर पर, राज्य सरकार अपने स्तर पर और सभी एजेंसियां इसे पूरा करने का प्रयास कर रही है. हम यथासंभव कोशिश कर रहे हैं.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “जितना संभव हो सके हम प्रधानमंत्री को हर दिन इसको लेकर रिपोर्ट करते हैं. पीएम मोदी स्थिति और मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा.”

इस बीच, सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) की 12 सदस्यीय टीम सुरंग पर वर्टिकल ड्रिलिंग करने के लिए स्टैंडबाय मोड पर है.

वर्टिकल ड्रिलिंग वाले विकल्प पर अंतिम निर्णय सतलज जल विद्युत निगम (SJVN) और तेल और प्राकृतिक गैस निगम द्वारा लिए जाने की संभावना है.

SJVN के एक अधिकारी ने कहा, “हमने प्रशासन को 5 से 6 दिनों में वर्टिकल ड्रिलिंग करने का प्रस्ताव दिया है. हमारी टीम ने ड्रिलिंग के लिए सर्वे किया है. ड्रिलिंग करने के लिए ड्रिलिंग मशीन भी मौके पर पहुंच गई है. हम तो बस आदेश आने का इंतजार कर रहे हैं.”

अधिकारी ने आगे कहा, “सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी और लगभग 85 से 90 मीटर तक ड्रिल करना होगा, जिसमें लगभग 5 से 6 दिन लगेंगे. पहले वर्टिकल ड्रिलिंग करने की योजना को रोक दिया गया था, लेकिन अब हम जिन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, उसके कारण हम एक बार फिर से स्टैंडबाय मोड में आ गए हैं. आदेश मिलते ही हम अपना काम शुरू कर देंगे.”

अधिकारियों ने आज कहा था कि मलबे को काटने के लिए जल्द ही मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू की जाएगी.

अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका में बनी हेवी-ड्यूटी ऑगर ड्रिलिंग मशीन को पाइपलाइन से हटा दिए जाने के बाद मैनुअल ड्रिलर्स काम करने लगेंगे, जिसके माध्यम से फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकाला जाना है.

बता दें कि 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढहने के बाद फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चल रहा अभियान शनिवार को 14वें दिन में प्रवेश कर गया है.


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