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व्यापारी व परिवहन संगठनों ने दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक का विरोध किया

नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) व्यापारियों और परिवहन संगठनों ने माल ढुलाई करने वाले मध्यम और भारी वाहनों के नगर में प्रवेश पर रोक संबंधी दिल्ली सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे राष्ट्रीय राजधानी में कारोबार पर ‘‘गहरा और प्रतिकूल’’ प्रभाव पड़ेगा।

राष्ट्रीय राजधानी में एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक माल ढुलाई करने वाले मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक के निर्णय का मकसद वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना है। हालांकि सब्जियां, फल, अनाज, दूध और अन्य जरूरी वस्तुओं की ढुलाई करने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक नहीं है।

एक अधिकारी ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण से सर्दियों के मौसम में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है।

अखिल भारतीय मोटर एवं माल ट्रान्सपोर्ट के अध्यक्ष राजेन्द्र कपूर ने इस रोक को वापस लेने की मांग की और सरकार को प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए कोई और तरीका तलाशने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘परिवहन क्षमता (विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की) सैकड़ों टनों में है जो केवल भारी वाहनों के जरिए ही की जा सकती है, हल्के वाहनों के जरिए नहीं। विभिन्न राज्यों से भारी मशीनें और निर्माण के काम में आने वाला सामान लाया जाता है जो हल्के मोटर वाहनों के जरिए नहीं हो सकता।’’

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने इस मुद्दे पर भविष्य की रणनीति तैयार करने के वास्ते 29 जून को दिल्ली के प्रमुख कारोबारी संगठनों की एक बैठक बुलाई है।

सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने अरविंद केजरीवाल सरकार के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि इससे दिल्ली में बड़े पैमाने पर कारोबार प्रभावित होंगे।

भाषा शोभना अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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