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सेना के शीर्ष कमांडरों ने सुरक्षा चुनौतियों का लिया जायज़ा, LAC पर स्थिति की समीक्षा की

भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर सैन्य गतिरोध था. हालांकि, दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक वार्ता की एक श्रृंखला के बाद गत फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी तट से सैनिकों और हथियारों की वापसी पूरी की.

फाइल फोटो। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लेह में सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे | फोटो: ट्विटर | @adgpi

नयी दिल्लीः सेना के शीर्ष कमांडरों ने बृहस्पतिवार को दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन पूर्वी लद्दाख के अलावा चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा एवं अन्य संवेदनशील क्षेत्रों सहित भारत की समग्र सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि कमांडरों ने केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करने के अलावा जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच जारी संघर्षविराम पर भी विचार-विमर्श किया.

उन्होंने कहा कि थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे और सेना के शीर्ष कमांडरों को पूर्वी लद्दाख में भारत की तैयारियों के बारे में बताया गया जहां भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक साल से अधिक समय से गतिरोध कायम है.

भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर सैन्य गतिरोध था. हालांकि, दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक वार्ता की एक श्रृंखला के बाद गत फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी तट से सैनिकों और हथियारों की वापसी पूरी की. दोनों पक्ष इस प्रक्रिया को शेष टकराव वाले बिंदुओं तक बढ़ाने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं.

दिल्ली में हो रहे इस सम्मेलन में विचार-विमर्श के बारे में सूत्रों ने कहा, ‘सम्मेलन में भारत की सुरक्षा तैयारियों से संबंधित सभी मामलों पर चर्चा की गई.’

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सूत्रों ने कहा कि भारत की युद्ध क्षमता को और बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श शुक्रवार को होगा.


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