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गणतंत्र दिवस परेड में परंपरागत वस्त्र और प्राकृतिक रेशे के क्षेत्र में देश की ताकत का प्रदर्शन

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बुधवार को आयोजित परेड के दौरान केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने अपनी झांकी के जरिये परंपरागत वस्त्र और प्राकृतिक रेशे के क्षेत्र में भारत की ताकत का प्रदर्शन किया।

झांकी में परंपरागत बुनाई मशीन को अतंरिक्ष यान के रूप में प्रदर्शित किया गया था। यह दर्शकों के समक्ष परंपरागत वस्त्र के विकास से लेकर भविष्य के तकनीकी आधारित कपड़ा उद्योग तक के भारत के सफर को प्रदर्शित करने का एक प्रयास था।

झांकी के शीर्ष पर चरखा, लूम, कपास का गोला और रेशम के ककून को प्रदर्शित किया गया था। इसके अलावा रेशे से धागे में रूपांतरण को दिखाया गया था। झांकी के पिछले भाग में रंगीन धागे थे जिन्हें करघा के जरिये कपड़े में बदला जाता है और फिर विभिन्न परंपरागत परिधानों का स्वरूप प्रदान किया जाता है।

झांकी पर एक बुनकर को हथकरघे की मदद से धागों से सुंदर परिधान बनाते हुए देखा गया। इसमें मंत्रालय की ओर से ‘इंडिया साइज’ परियोजना का भी प्रदर्शन किया जिसका मकसद भारतीय आबादी के लिए एक व्यापक शारीरिक आकार चार्ट तैयार करना है।

भाषा संतोष वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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