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कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के खिलाफ आतंकवाद और राजद्रोह के आरोप तय

विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों- सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीर के खिलाफ 20 फरवरी को यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा शुरू करने का आदेश दिया.

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आसिया अंद्राबी/ फोटो- ट्विटर

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कश्मीरी अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों के खिलाफ भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने और देश में आतंकी वारदात की कथित तौर पर साजिश रचने के लिए आतंकवाद, राजद्रोह और अन्य आरोप तय किए हैं.

मामला आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान की मदद से देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़ा है.

विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों- सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीर के खिलाफ 20 फरवरी को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा शुरू करने का आदेश दिया.

अदालत के इस आदेश के पहले आरोपियों ने बेकसूर होने की दलील दी और मुकदमे का सामना करने की बात कही.

अदालत ने आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 121-ए (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश), 124-ए (राजद्रोह), 153-ए (दो समूहों के बीच रंजिश पैदा करना), 153 बी (बगावत, राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ बयान) और 505 (लोगों के बीच गड़बड़ी फैलाने के मकसद से दिया बयान) के तहत आरोप तय किए.

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इसके अलावा गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून की धारा 18 (साजिश, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना), 20 (आतंकी गिरोह का सदस्य होना), 38 (आतंकी संगठन की सदस्यता संबंधी अपराध) और 39 (आतंकी संगठन को दी गयी मदद) के तहत भी आरोप तय किए.

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत (देश की बेटियां) की प्रमुख अंद्राबी पर अपनी सहयोगियों के साथ मिलकर भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर उनके और संगठन के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था. तीनों आरोपियों को अप्रैल 2018 में गिरफ्तार किया गया और वर्तमान में तीनों जेल में हैं.

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