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ओडिशा ट्रेन हादसा में एक्सपर्ट पैनल से जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर

जनहित याचिका में सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे में कवच सुरक्षा प्रणाली नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश भी मांगे गए हैं.

भारतीय सर्वोच्च न्यायालय | मनीषा मोंडल, फाइल फोटो / दिप्रिंट

नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर में हुए तीन ट्रेन हादसे की जांच शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है.

बालासोर ट्रेन दुर्घटना जिसमें दो यात्री ट्रेनें और एक मालगाड़ी शामिल थी, अब तक 288 लोगों की जान गई है जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. जनहित याचिका में सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से भारतीय रेलवे में कवच सुरक्षा प्रणाली नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश और निर्देश भी मांगे गए हैं.

लोको पायलट द्वारा ऐसा करने में विफल रहने की स्थिति में ‘कवच’ स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है.

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया कि रेलवे प्रणाली में वर्तमान जोखिम और सुरक्षा मापदंडों का विश्लेषण और समीक्षा करने के लिए तकनीकी सदस्यों से युक्त सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ आयोग का तत्काल गठन करें और रेलवे सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए व्यवस्थित सुरक्षा संशोधनों का सुझाव देने के साथ दो महीने में अपनी रिपोर्ट इस अदालत को सौंपा जाए.

घटना पर प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि बालासोर जिले के बहानागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी में दुर्घटना हुई. शुक्रवार शाम हुए हादसे में इन दोनों पैसेंजर ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.

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