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5000 किमी तक दुश्मनों का सफाया करने वाली मिसाइल अग्नि-V का सफल परीक्षण, भारत की सैन्य ताकत में इजाफा

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा निर्मित मिसाइल का सफल परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब भारत की पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.

2012 में अग्नि पांच के पहले परीक्षण की फाइल फोटो/ कॉमंस

नई दिल्ली: भारत की सैन्य शक्ति में एक और इजाफा हो गया है. बुधवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सतह से सतह पर प्रहार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण-प्रक्षेपण किया जो अत्यंत सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य पर निशाना साध सकती है.

ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से देर शाम इसका परीक्षण किया गया.

रक्षा मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की उस प्रामाणिक न्यूनतम प्रतिरोध वाली नीति के अनुरूप है जो ‘पहले उपयोग नहीं’ (नो फर्स्ट यूज) की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करती है.’

अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परियोजना पर काम एक दशक से अधिक समय पहले शुरू हुआ था.

परियोजना की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि यह मिसाइल का पहला यूजर ट्रायल है जिसकी जद में चीन का सुदूर उत्तरी हिस्सा आ सकता है.

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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित मिसाइल का सफल परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब भारत की पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.

मिसाइल का पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में किया गया था, वहीं पिछला परीक्षण करीब तीन साल पहले किया गया था.

मंत्रालय ने कहा, ‘मिसाइल, जिसमें तीन स्तरीय ठोस ईंधन वाले इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, में 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता है.’

उक्त लोगों ने कहा कि मिसाइल के सफल परीक्षण से स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड में इसके शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है जो भारत की सामरिक परिसंपत्तियों की देखभाल करती है.

अग्नि-1 से 4 मिसाइलों में 700 से लेकर 3,500 किलोमीटर तक प्रहार की क्षमता है और उन्हें पहले ही तैनात कर दिया गया है.

अग्नि-5 परियोजना का उद्देश्य चीन के खिलाफ भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है जिसके पास डोंगफेंग-41 जैसी मिसाइलें हैं जिनकी क्षमता 12,000 से 15,000 किलोमीटर तक प्रहार करने की है.


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