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बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष संपत्ति की सूची जमा करें : कोलकाता उच्च न्यायालय

कोलकाता, 21 जून (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में कथित अवैधता के मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को अदालत के समक्ष अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की संपत्ति की एक सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने भट्टाचार्य जो कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक भी हैं उन्हें अदालत के समक्ष हलफनामे में संपत्तियों की सूची मामले की अगली सुनवाई यानी पांच जुलाई तक जमा करने का निर्देश दिया गया।

भट्टाचार्य ने अपने बयान में कहा कि उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति का लेखा-जोखा दिया, जिसमें कोलकाता में आवासीय संपत्ति और नादिया जिले में उनके पैतृक गांव में पैतृक संपत्ति शामिल है।

उन्होंने अदालत को ये भी बताया कि राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष नियुक्त होने से पहले 2014 तक शहर में जोगेश चंद्र चौधरी कॉलेज के प्राचार्य थे।

भट्टाचार्य 2021 के चुनाव में टीएमसी के टिकट पर नदिया जिले के पलाशीपारा क्षेत्र से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने सोमवार को माणिक भट्टाचार्य को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित या सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 269 शिक्षकों की नियुक्ति में हुई अवैधताओं के लिए पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटाने का आदेश दिया था।

प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने मंगलवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी), 2014 के पैनल के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति में कथित अवैधता की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच के निर्देश वाली एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की।

कथित अवैध नियुक्तियों की जांच के लिए उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई के एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया है कि एसआईटी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं से संबंधित सभी मामलों की भी जांच करेगी, जिनमें अदालत ने पहले सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

भाषा

फाल्गुनी माधव

माधव

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