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त्रुटिपूर्ण कोविड जांच मशीन पर स्पाइसहेल्थ और एएआई ने एक दूसरे पर डाली जिम्मेदारी

(दीपक पटेल)

नयी दिल्ली, 13 मार्च (भाषा) इस साल जनवरी में अमृतसर आई दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के करीब 64 प्रतिशत यात्रियों को कोविड-19 संक्रमित बताने वाली ‘खराब’ मशीन को लेकर स्पाइस हेल्थ और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते नजर आ रहे हैं।

हवाई अड्डे पर सेवा दे रही स्पाइसहेल्थ ने छह जनवरी और सात जनवरी को दो चार्टर विमानों से इटली के रोम से आए 469 यात्रियों की जांच की थी जिनमें 298 लोगों के संक्रमित होने की रिपोर्ट आई थी। इसको लेकर हंगामा हुआ था और यात्रियों ने जांच नतीजों के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

स्पाइसजेट के प्रवर्तक अवनी सिंह और अजय सिंह के स्वामित्व वाली स्पाइसहेल्थ ने ‘पीटीआई-भाषा’से कहा कि उसने मामले का अन्वेषण जांच मशीन के निर्माता ‘थर्मोफिसर एकुला’’के साथ मिलकर किया और पाया कि जांच मशीन में खराबी आ गई थी क्योंकि उसे अमृतसर हवाई अड्डे के आगमन क्षेत्र में खुले में रखा गया था।

उन्होंने बताया कि इसके बाद स्पाइसहेल्थ ने जांच नतीजों की जानकारी एएआई से साझा की और सलाह दी कि मशीन को सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए और ढके हुए स्थान पर जांच की जानी चाहिए न कि सूरज की रोशनी में।

हालांकि, केंद्र के अधीन काम करने वाला एएआई जिसके पास अमृतसर हवाई अड्डे का परिचालन है ने ‘‘पीटीआई-भाषा’ को कहा कि वह इस मामले में स्पाइसहेल्थ के आकलन से सहमत नहीं है।

एएआई ने कहा कि पंजीकरण खिड़की, नमूने एकत्र करने और जांच के लिए स्थान का चुनाव स्पाइहेल्थ द्वारा किया गया और मशीन रखने की व्यवस्था कंपनी द्वारा ही की गई थी।

एएआई ने रेखांकित किया, ‘‘स्पाइसहेल्थ द्वारा स्थान और महौल का मुद्दा छह जनवरी (पहली घटना के दिन) और सात जनवरी (दूसरे दिन की घटना) के बाद नहीं उठाया गया।’’

केंद्र सरकर के प्राधिकरण ने कहा कि स्थान और उसके माहौल का मुद्दा स्पाइहेल्थ द्वारा 12 जनवरी को पहली बार उठाया गया और उसने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की कि हवाई अड्डा के आंतरिक वातावरण में ‘खतरे’ वाले यात्री नहीं आने चाहिए।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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