होम देश मोदी सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता रद्द

मोदी सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की वार्ता रद्द

सरकार के तीनों कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में महत्वपूर्ण संशोधन के सबंध में लिखित प्रस्ताव किसान यूनियन को भेजने की औपचारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है.

सिंघु बार्डर पर प्रदर्शन करते किसान | फोटो: मनीषा मोंडल | दिप्रिंट

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने प्रदर्शन कर रहीं 40 किसान प्रदर्शन, मोदी सरकार, किसान यूनियन के नेताओं के साथ बुधवार को होने वाली छठे दौर की महत्वपूर्ण वार्ता रद्द कर दी.

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कुछ किसान नेताओं के बीच मंगलवार रात हुई बातचीत के विफल रहने के बाद किसानों ने सरकार के साथ वार्ता करने से इनकार कर दिया था.

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘किसान यूनियन के नेताओं के साथ आज की वार्ता रद्द कर दी गई है.’

सरकार के तीनों कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में महत्वपूर्ण संशोधन के सबंध में लिखित प्रस्ताव किसान यूनियन को भेजने की औपचारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है.

केन्द्रीय गृह मंत्री की अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मोल्ला और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राकेश टिकैत सहित किसान यूनियन नेताओं के एक समूह के साथ मंगलवार को हुई बैठक में भी कोई हल नहीं निकल पाया था.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

बैठक में, शाह ने लिखित रूप में तीन कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन की पेशकश की थी, लेकिन कुछ किसान नेताओं ने कहा था कि वे बुधवार को प्रस्तावित बैठक में शामिल नहीं होंगे. इन नेताओं ने कहा था कि सरकार के लिखित प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के बाद ही अगले कदम पर निर्णय किया जाएगा.

किसानों और सरकार के बीच अभी तक पांच बार बैठक हो चुकी है, लेकिन मामले का कोई हल नहीं निकल पाया है. प्रदर्शन कर रहे किसान काननू में संशोधन के सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए, इन्हें वापस लिए जाने की मांग पर अडिग हैं.

प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी.

Exit mobile version