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येचुरी ने कहा रामायण-महाभारत में हिंसा आम थी, शिवसेना का जवाब ‘सीताराम’ पहले अपना नाम बदले

येचुरी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि चुनाव के शुरुआती चरण समाप्त हो जाने के बाद वे लोग मूल हिंदुत्व के एजेंडे में वापस आ गए हैं.

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सपीआईएम नेता सीताराम येचुरी। दिप्रिंट

नई दिल्ली : सीताराम येचुरी के द्वारा रामायण, महाभारत पर दिए गए बयान पर शिवसेना ने उन पर हमला बोल दिया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने सीपीएम के सीताराम येचुरी को फटकार लगाई है. शिवसेना ने कहा है कि उन्हें सबसे पहले अपना नाम ‘सीताराम’ बदलना चाहिए. संजय राउत ने कहा, ‘हिंदुओं के हिंसक होने का क्या अर्थ है? रामायण और महाभारत ने एक संदेश दिया, बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य की जीत. राम, कृष्ण और अर्जुन सत्य के प्रतीक हैं. यदि वे इस तरह का अर्थ निकालते हैं तो कल को जब हमारे जवान पाकिस्तान के खिलाफ लड़ेंगे तो वे कहेंगे कि हमारे जवान हिंसा करते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि सीताराम येचुरी की विचारधारा उनकी अपनी विचारधारा है. उनकी विचारधारा का एक ही उद्देश्य है, यानी हिंदुओं पर हमला करना और खुद को धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति दिखाना. राउत ने कहा, अगर सीताराम येचुरी रामायण और महाभारत को हिंसा से भरी हुई कहानी कहते हैं, तो उन्हें अपने नाम से सीताराम को हटा देना चाहिए. उन्हें अपने उम्मीदवार कन्हैया कुमार का नाम भी बदल देना चाहिए.’

येचुरी ने भाजपा पर विभाजनकारी नीतियों के माध्यम से वोटों के लिए समाज के टुकड़े करने का भी आरोप लगाया था.

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा था कि, ‘साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि हिंदू हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं. लेकिन देश में कई राजाओं और रियासतों ने बड़ी लड़ाई लड़ी हैं. यहां तक कि रामायण और महाभारत भी हिंसा के उदाहरणों से भरे हुए हैं. एक प्रचारक होने के नाते, वे महाकाव्यों का वर्णन करते हैं और फिर दावा करते हैं कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकते? ऐसा कहने के पीछे उनका क्या तर्क है? एक धर्म है जो हिंसा में संलग्न है और हम हिंदू कहते हैं हम ऐसे नहीं हैं’.

येचुरी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि चुनाव के शुरुआती चरण समाप्त हो जाने के बाद भाजपा के लोग अपने मूल हिंदुत्व के एजेंडे में वापस आ गए हैं जैसे अनुच्छेद 35 ए और 370 को हटाने, विवादित ज़मीन पर राम मंदिर बनाने और एनआरसी मुद्दे पर बात करने लगे हैं.

(एएनआई इंपुट्स के साथ)

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