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राज्य और लोकसभा चुनावों पर नजर, दिसंबर 2023 तक नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे पूरा कराना चाहती है शिंदे सरकार

701 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के 520 किलोमीटर लंबे एक हिस्से को पिछले साल दिसंबर में जनता के लिए खोल दिया गया था, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि बाकी 181 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण ‘बेहद चुनौतीपूर्ण’ है.

नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे बनता हुआ । फाइल फोटोः एएनआई

मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने अगले साल प्रस्तावित लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए 701 किलोमीटर लंबे नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है.

पिछले साल दिसंबर में एक्सप्रेसवे का पहला चरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को समर्पित कर दिया था, जो नागपुर और अहमदनगर जिले के मंदिरों के शहर शिरडी के बीच 520 किलोमीटर लंबा है.

महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि शिरडी से मुंबई के सेटेलाइट शहर भिवंडी के पास आमने गांव तक जो काम बाकी है, वह पूरे एक्सप्रेसवे का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है.

मुख्यमंत्री शिंदे की अध्यक्षता वाली एमएसआरडीसी नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना को लागू करने वाली राज्य सरकार की एजेंसी है.

परियोजना से जुड़े एमएसआरडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘नासिक और ठाणे जिलों से होते हुए मुंबई तक एक्सप्रेसवे का निर्माण दोनों जिलों के पहाड़ी इलाकों की वजह से पूरी परियोजना का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है. इसमें कई जगहों पर सुरंग और पुल जैसे रास्ते बनाने पड़ रहे हैं.’

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उन्होंने बताया, ‘ठाणे जिले के वाशाला गांव में एक जगह पर हमें एक घाटी के ऊपर 275 फीट की ऊंचाई पर एक पुल बनाना है.’

एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक आर. मोपलवार ने पुष्टि की कि नागपुर-मुंबई कॉरिडोर दिसंबर तक मुंबई महानगर क्षेत्र में भिवंडी के पास आमने गांव तक पूरा होने की राह पर है.

एक शानदार नमूना माने जाने वाले नागपुर-मुंबई कॉरिडोर को 55,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है, इसका प्रस्ताव पहली बार उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रखा था, जो कि उस समय यानी 2015 में राज्य के मुख्यमंत्री थे.

एक बार पूरा हो जाने पर, एक्सप्रेसवे राज्य का सबसे लंबा राजमार्ग होगा. यह कॉरिडोर पूरा हो जाने से 14 जिलों से गुजरते हुए नागपुर से मुंबई तक की यात्रा में 16 घंटे की जगह आधा ही समय लगेगा. राज्य की तरफ से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की ब्रांडिंग ‘समृद्धि महामार्ग’ के तौर पर की जा रही है, यह कहते हुए कि यह इससे जुड़े जिलों के विकास के लिए एक गेमचेंजर साबित होगा.


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दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य, एक समय में एक ही खंड

दिसंबर 2023 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए एमएसआरडीसी ने शेष 181 किमी को चार छोटे हिस्सों में विभाजित कर दिया है, और प्रत्येक की अपनी समयसीमा निर्धारित की है।

पूर्व में उद्धृत एमएसआरडीसी अधिकारी ने कहा कि नासिक जिले के सिन्नार तालुका में गोंडे गांव तक शिरडी के बाद 44 किमी का पहला खंड इस महीने के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है.

नासिक जिले के चांदवाड़ तालुका के भारवीर गांव तक 36 किमी का दूसरा खंड मई अंत तक तैयार होगा. उसके बाद, नासिक जिले में इगतपुरी तक 23 किलोमीटर की दूरी तक निर्माण कार्य जून अंत तक पूरा होने की उम्मीद है. एमएसआरडीसी के अधिकारी आगे कहा कि एक्सप्रेसवे के मुंबई छोर पर भिवंडी के पास आमने गांव तक 78 किलोमीटर का अंतिम हिस्सा इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘पूरी परियोजना में कुल मिलाकर 79 प्रतिशत काम अब तक पूरा हो चुका है. जो बचा है उसमें बहुत सारी चुनौतियां हैं जिनके लिए कम से कम 12 सुरंगों और 16 पुलों के निर्माण की आवश्यकता है.’ 12 सुरंगों में से दो 8 किलोमीटर लंबी हैं.

जब फडणवीस ने पहली बार परियोजना का प्रस्ताव रखा था, तो उन्होंने उम्मीद जताई थी कि वह 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के तक इसे पूरा कर लेंगे. हालांकि, विभिन्न कारणों से देरी के कारण निर्माण जनवरी 2019 में जाकर शुरू हो पाया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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