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‘खाने का लालच दिया, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया’, दिल्ली में 14 वर्षीय ने गला काटकर की ट्यूटर की हत्या

कबाड़ बीनने का काम करने वाले आठवीं कक्षा के छात्र ने 28-वर्षीय व्यक्ति का गला काट दिया, जिसके बारे में उसने कहा कि उसके उत्पीड़न का एक वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया और 2 महीने तक उसका उत्पीड़न किया गया.

प्रतीकात्मक तस्वीर | एएनआई

नई दिल्ली: एक 14 वर्षीय लड़का, जो एक सरकारी स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ता है और कबाड़ी बीनने का काम करता है, दो महीने पहले एक पार्क में 28 वर्षीय एक व्यक्ति से मिला. चार भाई-बहनों वाला यह लड़का अपने पिता के लापता होने के बाद जीने के लिए संघर्ष कर रहा था. अपना पेट भरने के लिए उसने कबाड़ी बीनने और उसे बेचने का काम शरू कर दिया.

एक पार्क में खाने की तलाश में घूमते हुए उनकी मुलाकात एक ट्यूटर, मोहम्मद वसीम उर्फ अल्ताफ से हुई. अल्ताफ ने उसे कुछ नाश्ता दिया और उससे दोस्ती कर ली. इसके बाद उसने उसे बटला हाउस में एक खाली संपत्ति का लालच दिया और कथित तौर पर नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया. उसने कथित तौर पर उत्पीड़न का एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया और इसका इस्तेमाल लड़के को उससे मिलने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए किया.

यौन उत्पीड़न 30 अगस्त तक दो महीने तक जारी रहा, जब नाबालिग ने कथित तौर पर लगातार यातना और ब्लैकमेल से तंग आकर उस व्यक्ति का गला काट दिया.

एक पुलिस सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “वह एक बहुत ही गरीब परिवार से आता है और यह आदमी उससे एक पार्क में मिला था और उसे खाना खिलाने की बात की थी. लड़के ने पूछताछ के दौरान कहा कि वह आदमी, एक निजी शिक्षक था और वह उसे ब्लैकमेल कर रहा था और उसका यौन उत्पीड़न कर रहा था. इससे तंग आकर उसने उसकी हत्या कर दी. उस दिन भी, मृतक ने कथित तौर पर उसे उसी खाली संपत्ति पर बुलाया था.”

डीसीपी (साउथ ईस्ट) राजेश देव ने बताया कि उसी दिन जामिया नगर में एक कमरे में खून बिखरे होने की पीसीआर कॉल आई थी.

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डीसीपी ने कहा, “स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लगभग 28 साल की उम्र के एक आदमी का शव फर्श पर पड़ा मिला, जिसकी गर्दन पर गहरे घाव थे. मृतक की पहचान मोहम्मद वसीम उर्फ अल्ताफ, के रूप में की गई, जो एक निजी ट्यूटर के रूप में काम करता था और एक अलग संपत्ति में रहता था. यह संपत्ति अल्ताफ के परिवार की है, जिसे कुछ दिन पहले ही किराए पर देकर खाली कराया गया है. मृतक अपने परिवार के साथ जाकिर नगर में एक संपत्ति में रहता था.”

मृतक अविवाहित था. पुलिस ने कहा कि वह कथित तौर पर नाबालिग को धमकी दे रहा था कि अगर उसने उसकी मांगें नहीं मानी तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देगा.

डीसीपी ने कहा, “नाबालिग को पकड़ लिया गया है और उसके पास से मृतक का फोन बरामद कर लिया गया है. आगे की जांच चल रही है.”


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यह पहला मामला नहीं

आत्मरक्षा या हताशा में किसी नाबालिग द्वारा अपने साथ दुर्व्यवहार करने वाले की हत्या करने का यह कोई अलग मामला नहीं है.

इस साल अप्रैल में, एक 16 वर्षीय लड़का, जो मुंबई में अभिनेता बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने घर से भाग गया था, ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या कर दी जिसने दो महीने तक उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी.

शख्स का शव उत्तरी दिल्ली में लाल किले के पास मिला. पुलिस जांच में पता चला कि लड़के की मुलाकात शंभू नाम के व्यक्ति से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई थी और वह उसके साथ रहने लगा. शंभू ने कथित तौर पर कई बार लड़के का यौन शोषण करने का प्रयास किया था. 14 अप्रैल को लड़के ने शंभू के सिर पर डंडे से वार कर उसकी हत्या कर दी. जिसके बाद नाबालिग को संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था.

पिछले साल, एक 13 वर्षीय लड़की को राजस्थान पुलिस ने पकड़ा था और लगभग छह महीने से उसके साथ बलात्कार करने वाले व्यक्ति की कथित तौर पर हत्या करने के लिए एक अवलोकन सुविधा में भेज दिया था. मृतक ने कथित तौर पर उसे अन्य पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर किया था. लगातार दुर्व्यवहार और ब्लैकमेल से तंग आकर, नाबालिग ने कथित तौर पर एक रात उस व्यक्ति का कपड़े से गला घोंट दिया, जब उसने उससे मिलने के लिए कहा था.

2017 में, उत्तर प्रदेश के बरेली में एक 14 वर्षीय लड़की ने कथित तौर पर अपने शराबी पिता की हत्या कर दी थी, क्योंकि उसने कथित तौर पर नशे की हालत में उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया था. नाबालिग ने उसे लोहे की रॉड से पीटा.

भारतीय दंड संहिता की धारा 300 हत्या को परिभाषित करती है और पांच अपवादों को नोट करती है, जिनमें निजी बचाव, गंभीर और अचानक उकसावे शामिल हैं. ये ऐसी परिस्थितियां निर्धारित करते हैं जहां गैर इरादतन हत्या को हत्या के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता है. जबकि हत्या के लिए सज़ा हो सकती है – मौत या आजीवन कारावास – हत्या की श्रेणी में न आने वाली गैर इरादतन हत्या को कम अपराध माना जाता है और इसके लिए कम सज़ा होती है.

(संपादन: अलमिना खातून)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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