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मोदी सरकार के अध्यादेश के बाद पुलिस के पास पहुंचने वाले तीन तलाक़ के 7 मामले

दिप्रिंट उन मामलों की पड़ताल कर रहा है जिनमें ट्रिपल तालक अध्यादेश की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर । पीटीआई/ अतुल यादव

नई दिल्ली: महज एक हफ्ते में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 पारित किया जो फरवरी में मोदी सरकार द्वारा लाए गये अध्यादेश की जगह लेगा, विवादास्पद बिल शुक्रवार को लोकसभा में पेश हो गया है.

विधेयक मुस्लिमों के तत्काल तलाक या तीन तालक की प्रथा को आपराधिक बताता है.

सरकार ने पिछले साल सितंबर में इस अध्यादेश को सबसे पहले लागू किया था. मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश 2018 के तहत अपराध को गैर-जमानती और तीन साल तक की जेल की सजा के साथ दंडनीय बनाया गया था. बाद में जमानत का प्रावधान करने के लिए एक संशोधन पेश किया गया था.


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हालांकि, विपक्ष अब भी इस विधेयक को जांच के लिए एक संसदीय चयन समिति को भेजने की मांग कर रहा है लेकिन मोदी सरकार का मानना ​​है कि यह कानून संसद के माध्यम से बनेगा. क्योंकि यह पहले के बिल को संशोधित कर रहा है. नया विधेयक अब तीन तलाक को एक जमानती अपराध बनाना चाहता है.

विधेयक को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अध्यादेश लागू होने के समय भी ऐसे तात्कालिक तलाक के सैकड़ों मामले हैं.

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दिप्रिंट उन सात मामलों की पड़ताल कर रहा हैं. जिनमें एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और अध्यादेश के सार्वजनिक होने के बाद गिरफ्तारियां की गई थीं.

उत्तर प्रदेश, 4 अक्टूबर 2018

अध्यादेश के तहत पहला मामला 4 अक्टूबर 2018 को उत्तर प्रदेश के बहराइच में दर्ज किया गया था जिसके कारण 31 वर्षीय चंद्रबाबू उनकी मां और बहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

वर्तमान में सऊदी अरब में रहने वाले इस व्यक्ति पर उसकी पत्नी द्वारा कथित रूप से दहेज की मांग न मानने के बाद 10 सितंबर 2018 को फोन पर अपनी पत्नी को तत्काल तलाक देने का आरोप लगाया गया था.

एक स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि आरोपी अभी भी विदेश में है.

महाराष्ट्र, 18 अक्टूबर 2018

यह मामला महाराष्ट्र में 18 अक्टूबर 2018 को दायर किया गया था जहां एक व्यक्ति को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वाट्सएप पर पत्नी को तलाक देने के लिए नए अध्यादेश के तहत गिरफ्तार किया गया था. तीन तालक अध्यादेश के तहत मामला आरोपी औरंगाबाद जिले के खंडाला गांव के रहने वाले 26 वर्षीय जावेद साबिर पठान पर दर्ज किया गया था.

पठान ने दिसंबर 2016 में शबाना शेख से शादी की थी. जब रिश्ते में खटास आने लगी, तो आरोपी ने लड़की को उसकी मौसी के घर छोड़ दिया. इसके बाद कथित तौर पर पिछले साल 22 सितंबर को वाट्सएप पर ट्रिपल तालक दिया गया था. पठान को एक जांच के बाद गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब वह जमानत पर बाहर है.

मध्य प्रदेश, 25 अक्टूबर 2018

इस मामले में आरोपी पति 34 वर्षीय आरिफ हुसैन को मध्य प्रदेश में झाबुआ जिला पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. जब उसने अपनी ‘मोटापे से ग्रस्त पत्नी’ को तलाक देने के लिए ट्रिपल तलाक का रास्ता अपनाया था.

25 अक्टूबर 2018 को उसकी पत्नी सलमा बानो द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार हुसैन और उनकी मां ने अधिक वजन होने के लिए लगातार ताना मारा और प्रताड़ित किया था. बानो और हुसैन की शादी एक दशक पुरानी है और उनके दो बच्चे हैं. हुसैन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.


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महाराष्ट्र, 5 दिसंबर 2018

महाराष्ट्र के वसई में मनोर पुलिस स्टेशन में 48 वर्षीय इंतेखाब मुंशी के खिलाफ पिछले साल 5 दिसंबर को एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. जब उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि उन्हें 22 सितंबर को तलाक दिया गया था.

मुंशी और उनकी पत्नी की शादी दिसंबर 1998 में हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं.

उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट से 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर अध्यादेश के प्रावधानों के तहत अग्रिम जमानत हासिल की थी. उन्होंने दावा किया कि वह अपनी पत्नी को ‘तल्ख़-ए-अहसन’ के इस्लामी प्रावधान के तहत तलाक दिया और उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था.

तलाक-ए-बिद्दत (तात्कालिक तलाक) के विपरीत तलाक-ए-अहसन को सुप्रीम कोर्ट ने अपने अगस्त 2017 के फैसले में बरकरार रखा था. हालांकि, उनकी पत्नी ने दावा किया कि उन्हें ऐसा कोई नोटिस नहीं दिया गया था. मुंशी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.

महाराष्ट्र, 16 मई 2019

28 मई को मुंबई की ठाणे पुलिस ने 28 वर्षीय नदीम शेख और उसके माता-पिता को गिरफ्तार किया गया था. जब उसने अपनी पत्नी को फोन पर कथित रूप से तलाक दिया था. अभिभावकों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. महिला ने आरोप लगाया की मार्च में उसे तलाक दे दिया गया था.

शेख पर तीन तालक अध्यादेश की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने उसे और उसके माता-पिता को आईपीसी की धारा 498-ए (क्रूरता), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान बूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था. एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि परिवार जमानत पर बाहर है.

उत्तर प्रदेश , 12 जून 2019

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर यूपी पुलिस ने पिछले हफ्ते एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. उसकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसने तीन तालक के माध्यम से उसे तलाक दे दिया है.

तरन्नुम बेगम के सीएम आदित्यनाथ से संपर्क करने के बाद यूपी पुलिस ने आगरा के मालपुरा इलाके में रहने वाले 32 वर्षीय जिकु रहमान को गिरफ्तार किया है. शिकायत के अनुसार, बेगम की शादी पांच साल पहले रहमान से हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं. बेगम ने दावा किया कि उसके ससुराल वालों और पति द्वारा उसे बहुत प्रताड़ित किया गया था.

जब महिला ने अपना मामला सीएम योगी आदित्यनाथ को बताया उसके बाद शिकायत के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा उनसे संपर्क किया गया और तथ्यों के सत्यापन के बाद स्थानीय पुलिस को मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. रहमान फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं जबकि मामले की जांच जारी है.


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गुजरात, 16 जून 2019

नया मामला गुजरात के वलसाड जिले का है, जहां एक व्यक्ति को वाट्सएप संदेश पर अपनी पत्नी को ट्रिपल तालाक देने के लिए गिरफ्तार किया गया है. दंपति की चार साल पहले शादी हुई थी और उनका तीन साल का एक बेटा है. पुलिस ने आरोपी की पहचान 27 वर्षीय जेलुन जावेद कालिया के रूप में की है.

कालिया और उसके पिता जावेद, मां नफीसा पर अध्यादेश की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, और आईपीसी की धारा 498-ए (महिला पर पति या पति के रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता करने की हालत में बचाने वाला कानून) के तहत आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है. कालिया विदेश में रहता है और शिपिंग कंपनी के साथ काम करता है.

स्थानीय पुलिस ने दिप्रिंट को बताया कि निश्चित रूप से कालिया को गिरफ्तार किया जायेगा जब वह शहर में होगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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