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केरल के मंदिरों में पहली बार SC-ST जाति के पुजारी दिखेंगे, त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड करेगा नियुक्ति

टीडीबी एक स्वायत्त मंदिर निकाय है जो विभिन्न मंदिरों का प्रबंधन करता है. इनमें सबरीमला का भगवान अयप्पा मंदिर भी शामिल है.

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सबरीमाला मंदिर ,केरल ( फोटो साभार: विकीमीडिया कॉमन्स)

तिरूवनंतपुरम: केरल में मंदिरों का प्रबंधन करने वाला शीर्ष निकाय त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड अपने इतिहास में पहली बार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों से पुजारियों की नियुक्ति करने जा रहा है.

त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने इन समुदायों से 19 पुजारियों की नियुक्ति करने का निर्णय किया है. इनमें से 18 एससी समुदाय से जबकि एक आदिवासी समुदाय से होंगे. इन पुजारियों की नियुक्ति अंशकालिक आधार पर की जायेगी. टीडीबी प्रदेश के 1200 मंदिरों का प्रबंधन करता है .

टीडीबी एक स्वायत्त मंदिर निकाय है जो विभिन्न मंदिरों का प्रबंधन करता है. इनमें सबरीमला का भगवान अयप्पा मंदिर भी शामिल है.

प्रदेश के देवस्वओम मंत्री के सुरेंद्रन ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘यह पहला मौका है जब टीडीबी अपने अधीन मंदिरों में किसी आदिवासी व्यक्ति को पुजारी नियुक्त करने जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि उन्हें अंशकालिक पुजारी के पदों पर नि​युक्त किया जायेगा. यह नियुक्ति विशेष भर्ती प्रक्रिया के तहत की जायेगी .

मंत्री ने कहा कि अब तक त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड में अंशकालिक पुजारी पदों के लिये रैंक सूची से 310 लोगों का चयन किया गया है, जिसका प्रकाशन 2017 में किया गया था.

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उन्होंने कहा कि उस समय एससी और एसटी समुदायों से पर्याप्त संख्या में योग्य उम्मीदवार नहीं थे. इसलिए विशेष अधिसूचना के आधार पर उनके लिये एक अलग रैंक सूची जारी की गयी जिसका प्रकाशन पांच नवंबर को किया गया.

मंत्री ने कहा कि अदिवासी समुदाय के लिये चार रिक्तियां थी लेकिन केवल एक आवेदन मिला था सूत्रों ने बताया कि राज्य में मौजूदा सरकार के साढे चार साल के कार्यकाल में मंदिरों में 133 गैर ब्राह्मण पुजारियों की नियुक्ति की जा चुकी है .

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