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आईएनएक्स मीडिया मामले में 14 दिन के लिए तिहाड़ भेजे गए पी चिदंबरम

राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज अजय कुमार कुहाड़ ने चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में न भेजने की उनके वकील कपिल सिब्बल की दलील खारिज कर दी.

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पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होते, फोटो- सूरज सिंह बिष्ट, दिप्रिंट

नई दिल्ली : सीबीआई हिरासत में चल रहे पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम अब तिहाड़ में होंगे. आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में दिया था. वह 19 सितंबर तक तिहाड़ में रहेंगे. अब कोर्ट के आदेश पर उन्हें तिहाड़ जेला भेजा जाएगा.

राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज अजय कुमार कुहाड़ ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल की उस दलील को खारिज कर दिया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए. दो दिन की सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद एजेंसी ने चिदंबरम को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया. सीबीआई ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की जिसका उनके वकील कपिल सिब्बल ने विरोध किया. सिब्बल ने अपनी दलीलों में कहा कि उनके मुवक्किल ईडी के सामने पेश होंगे.

सुप्रीम कोर्ट से चिदंबरम को झटका, अब ईडी कर सकती है गिरफ्तार

आईएएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता और वित्तमंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है. शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी के बाद की जांच में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अब ईडी कांग्रेस नेता को गिरफ्तारी दिखाकर उन्हें रिमांड पर ले सकती है.

सुप्रीम कोर्ट का कहना है, ‘प्रारंभिक चरण में अग्रिम जमानत देना जांच को विफल कर सकता है …. यह अग्रिम जमानत देने के लिए एक उपयुक्त मामला नहीं है. आर्थिक अपराध अलग-अलग स्तर पर हैं और इसे अलग दृष्टिकोण के साथ निपटाया जाना चाहिए.’

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सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पी चिदंबरम नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष अर्जी लेकर जा सकते हैं.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने ईडी मामले में चिदंबरम की याचिका पर 29 अगस्त को अपना आदेश सुरक्षित रखा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत को किसी को उसके अधिकार के तौर पर नहीं दिया जा सकता. यह केस टू केस पर निर्भर करता है.

कोर्ट ने कहा, ‘हमने ईडी की केस डायरी को देखा है और हम इस दावे से सहमत हैं कि मामले में आरोपी गिरफ्तारी कर हिरासत में पूछताछ जरूरी है. हम ईडी का यह कहना कि मनी ट्रेल को उजागर करना जरूरी है से सहमत हैं. जांच एजेंसी ने सीलबंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराए थे, लेकिन हमने उन्हें नहीं देखा है’

 

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