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सीबीआई प्रमुख से दोस्ती का हवाला दे एक और न्यायमूर्ति ने स्वयं को नियुक्ति प्रक्रिया से अलग किया

वे इस मामले से स्वयं को अलग करने वाले तीसरे जज हो गए हैं. इसके पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एके सीकरी ने स्वयं को मामले से अलग कर लिया था.

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एम नागेश्वर राव की फाइल फोटो | ट्विवटर

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अंतरिम प्रमुख, एम नागेश्वर राव की नियुक्ति पर गैर सरकारी संस्थान कॉमन कॉज़ की अर्जी को सुनने से सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना रेड्डी ने स्वयं को अलग कर लिया है. वे इस मामले से स्वयं को अलग करने वाले तीसरे जज हो गए हैं. इसके पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एके सीकरी स्वयं को अलग कर लिया था.

जस्टिस रमन्ना ने कहा कि उनकी राव से दोस्ती है, दोनों एक ही क्षेत्र से आते हैं और दोनों एक दूसरे के बच्चों की शादियों में शामिल हुए हैं.

21 जनवरी को रंजन गोगोई ने स्वयं को केस से इसलिए अलग कर लिया था, क्योंकि वो उस पैनल के सदस्य हैं जो अगले सीबीआई प्रमुख का चुनाव करेगा. वहीं जस्टिस सीकरी ये कह कर अलग हो गए थे कि वो उस पैनल के सदस्य थे जिसमें आलोक वर्मा को सीबीआई के निदेशक के पद से हटाने का फैसला किया गया था.

वर्मा को 10 जनवरी को जस्टिस सीकरी के निर्णायक मत के बाद भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटा दिया गया था. उनका मत इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि वो तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय कमीटी के तीसरे सदस्य थे, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के आलावा विपक्षी कांग्रेस पार्टी के लोकसभा में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे. दोनों के विचार वर्मा के सीबीआई में भविष्य को लेकर अलग-अलग थे.

नये सीबीआई प्रमुख पर बैठक कल

इस बीच सीबीआई प्रमुख को चुनने के लिए कल बैठक होगी. पिछली बार की बैठक बेनतीजा निकली थी. खड़गे ने उस बैठक के बाद कहा था कि ‘सरकार ने 70-80 नामों की सूची दी थी. उनके करिअर की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई, जिसमें उनके एक्सपीरियंस का पता चले. हमने (गोगोई) को सभी ज़रूरी जानकारी देने के लिए कहा.’

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सीबीआई के प्रमुख की कुर्सी वर्मा के अक्टूबर में पद छोड़ने के बाद से खाली है. तब उनकी और सीबीआई के दूसरे नंबर पर अधिकारी राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार को लेकर झगड़ा हो गया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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