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SC ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डा अडानी समूह को पट्टे पर देने के खिलाफ केरल सरकार की याचिका खारिज की

मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने यह कहते हुए फैसले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया कि निजी संस्था अक्टूबर 2021 से हवाई अड्डे का प्रबंधन और संचालन कर रही है.

भारतीय सर्वोच्च न्यायालय | मनीषा मोंडल, फाइल फोटो / दिप्रिंट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पट्टे पर देने के भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के फैसले के खिलाफ केरल सरकार की याचिका खारिज कर दी.

मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने यह कहते हुए फैसले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया कि निजी संस्था अक्टूबर 2021 से हवाई अड्डे का प्रबंधन और संचालन कर रही है और इस स्तर पर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिस भूमि पर हवाईअड्डा स्थित है, उसके स्वामित्व का सवाल खुला रहेगा.

पिछले साल फरवरी में केरल की सरकार एएआई के फैसले जिसमें हवाई अड्डे को अडानी ग्रुप को 50 साल के लिए संचालित करने, प्रबंधन करने और विकसित करने के लिए खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी. अपील केरल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ फाइल की गई थी जिसने की राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था.

राज्य संचालित केरल स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (केएसआईडीसी) निविदा में हिस्सा लिया था लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज ने सबसे ऊंची बोली लगाई और फरवरी 2019 में निविदा जीती.

केरल सरकार ने एएआई के निर्णय को एक निजी पार्टी को तरजीह देने के लिए ‘मनमाना’ करार दिया और अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा लगाई गई समान वाणिज्यिक दर की हवाई अड्डे के संचालन और प्रबंधन के लिए केरल सरकार की पेशकश की अनदेखी की.

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सरकार ने यह भी तर्क दिया कि उसे हवाई अड्डों के प्रबंधन का अनुभव है. अडानी एंटरप्राइजेज को हवाई अड्डों को संभालने का कोई पहले का अनुभव नहीं है और एएआई के फैसले से जनहित के लिए ठीक नहीं है.


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