होम देश सत्येंद्र जैन धनशोधन मामला: ईडी ने दो सह-आरोपियों की जमानत याचिका पर...

सत्येंद्र जैन धनशोधन मामला: ईडी ने दो सह-आरोपियों की जमानत याचिका पर ईडी ने मांगा जवाब

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में दो आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।

इस मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन भी आरोपी हैं।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी करते हुए उसे जवाब दाखिल करने को कहा।

अदालत ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका के साथ दोनों की याचिकाओं को 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।

दोनों आरोपियों ने 17 नवंबर को निचली अदालत द्वारा सुनाए फैसले को चुनौती दी है। अदालत ने यह कहते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि दोनों ने अपराध से अर्जित धन को छिपाने में ‘‘जानते बूझते’’ हुए जैन की मदद की थी और वे ‘‘प्रथम दृष्टया धनशोधन के दोषी’’ हैं।

निचली अदालत ने सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका भी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वह प्रथम दृष्टया ‘‘अपराध की आय’’ को छिपाने में शामिल थे।

अदालत ने कहा था कि ‘‘प्रथम दृष्टया’’ जैन ‘‘वास्तव में कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर को नकदी देकर अपराध से अर्जित धन को छिपाने में शामिल थे और उसके बाद शेयरों की बिक्री के नाम पर तीन कंपनियों में नकदी लगाई गयी और यह ऐसा दिखाने के लिए किया गया कि ये तीन कंपनियां बेदाग हैं।’’

अदालत ने कहा था, ‘‘इस प्रक्रिया से, अपराध से अर्जित 4.61 करोड़ रुपये की आय के एक तिहाई के बराबर धन का शोधन किया गया। इसके अलावा, जैन ने अपनी कंपनी में जे. जे. आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कोलकाता के एंट्री ऑपरेटर से आवास प्रविष्टियां प्राप्त करके 15 लाख रुपये की अपराध से अर्जित आय को सफेद बनाने के लिए भी इसी तरीके को अपनाया।’’

भाषा निहारिका प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version