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सत्येंद्र जैन को तिहाड़ के अंदर तरजीह दी गई, विशेष सुविधाएं रोकना सही : अदालत

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को प्रथम दृष्टया नियमों का उल्लंघन करते हुए तिहाड़ जेल के भीतर ”तरजीह दी जा रही है” जिसे अब रोक दिया गया है।

विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने जैन की उस याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें तिहाड़ के अधिकारियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विशेष खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

अदालत ने कहा कि जैन को जेल कर्मचारियों द्वारा महानिदेशक जेल या किसी प्राधिकरण के आदेश के बिना फल और सब्जियां प्रदान की जा रही थीं, जो नियमों का उल्लंघन था।

अदालत ने कहा, ‘‘ आवेदक को फल और सब्जियां प्रदान करना भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन था क्योंकि संघ सभी कैदियों के साथ समान व्यवहार करने के लिए बाध्य है और जाति, पंथ, लिंग, धर्म, स्थिति आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है। ’’

विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कहा, ‘‘ यह अनुच्छेद कानून के समक्ष समानता प्रदान करता है, जिसका मूल अर्थ है कि सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए चाहे वे गरीब हों या अमीर, पुरुष हों या महिला, उच्च जाति या निम्न जाति। इस प्रकार, राज्य देश में किसी को कोई विशेष विशेषाधिकार प्रदान नहीं किया जा सकता है। ’’

उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में तिहाड़ के लगभग 26 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है और एक जेल अधीक्षक को नवंबर में निलंबित कर दिया गया है।

अदालत ने शनिवार को जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें तिहाड़ जेल के अधिकारियों को उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उन्हें विशेष खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने आवेदन को खारिज करते हुए जेल प्रशासन की इस दलील को ध्यान में रखते हुए दिया कि किसी भी कैदी को कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाती है और जैन को अन्य कैदियों की तरह कानून के तहत मिलने वाली सभी सुविधाओं का लाभ उठाने की अनुमति दी जाती है।

याचिका में जेल अधिकारियों को तुरंत मंत्री की चिकित्सा जांच कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

जेल प्रशासन ने हालांकि याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जैन को अन्य कैदियों की तरह कानून के तहत सभी सुविधाओं का लाभ उठाने की अनुमति दी गई थी।

जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

अदालत ने इस मामले में 17 नवंबर को जैन व दो अन्य की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

उन पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन करने का आरोप है।

भाषा रवि कांत माधव

माधव

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