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संथन की घर जाकर अपनी मां की देखभाल करने की आखिरी इच्छा अधूरी रह गई

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

चेन्नई, 28 फरवरी (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में रिहा किये सात दोषियों में से एक संथन की अंतिम इच्छा श्रीलंका लौटकर अपनी बूढ़ी मां की देखभाल करने की थी जो कभी पूरी नहीं हो सकी।

संथन उर्फ टी. सुतेनदिराराजा (55) की दिल का दौरा पड़ने के बाद बुधवार को मौत हो गयी थी।

संथन घर लौटने की आशा लिए करीब एक महीने से अस्पताल में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था लेकिन बिगड़ती तबीयत ने उसकी उम्मीद तोड़ दी।

संथन के वकील पुगाझेंधी ने कहा कि जब संथन ने अंतिम सांस ली तो उस समय उनका भाई उनके साथ था।

वकील ने कहा कि संथन के शव को अंतिम संस्कार के लिए श्रीलंका में उनके घर ले जाया जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने 2022 में संथन को छह अन्य दोषियों के साथ जेल से रिहा करने और 23 फरवरी को उसके पक्ष में फैसला सुनाते हुए उसे श्रीलंका वापस भेजने का आदेश जारी किया था। इसके बावजूद संथन को घर नहीं भेजा जा सका।

संथन को 28 जनवरी को गंभीर हालत में तिरुचिरापल्ली के महात्मा गांधी मेमोरियल सरकारी अस्पताल से राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल (आरजीजीजीएच) के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

संथन का अस्पताल में ‘क्रिप्टोजेनिक सिरोसिस’ का उपचार किया जा रहा था।

पिछले साल मई में संथन ने तिरुचिरापल्ली के विशेष शिविर से रिहा करने की अपील की थी। उसने कथित तौर पर ऐसा कहा था कि जेल शरणार्थियों के लिए विशेष शिविर के कमरों से कही बेहतर है।

राज्य सरकार ने 13 फरवरी को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि चेन्नई में स्थित श्रीलंकाई उप उच्चायोग ने संथन को अस्थायी यात्रा दस्तावेज जारी किया था।

भाषा जितेंद्र नरेश

नरेश

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