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शताब्दी वर्ष तक देश के हर प्रखंड तक पहुंचना चाहता है संघ

नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) वर्ष 2025 में अपनी शताब्दी वर्ष पूरा होने तक देश के हर प्रखंड तक पहुंचना चाहता है। संघ ने संगठन के विस्तार के लिये कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता कार्यक्रम, एक तालाब-एक मंदिर-एक शमशान जैसे अभियान पर जोर दिया है।

संघ प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 11 मार्च से गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद) में आयोजित की जायेगी । इसमें संगठन के विस्तार एवं संघ के शताब्दी वर्ष पूरा होने पर विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी ।

संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष 2025 तक देश के एक लाख केंद्रों तक विस्तार करने की योजना बना रहा है और इस उद्देश्य के लिए अपने सहयोगी संगठनों के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों में अपनी पैठ बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि संगठन इस समय देश के 55 हजार स्थानों पर मंडल स्तर पर शाखाएं संचालित करता है और इसे बढ़ाकर लगभग दो गुना करने की तैयारी है।

पदाधिकारी ने कहा कि शताब्दी वर्ष पूरा होने तक हम देश के हर प्रखंड तक पहुंचना चाहते हैं ।

उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष को लेकर विशेष कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जायेगी जिनसे खास तौर पर संगठन के कार्य के लिये समय देने को कहा गया है ।

उन्होंने बताया कि संघ के कार्यकर्ताओं समेत संगठनों से जिला स्तर पर योजना तैयार करने को कहा गया है और इस प्रतिनिधि सभा की बैठक में इस विषय पर भी विचार किया जायेगा । इसमें जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर, तमिलनाडु एवं पर्वतीय क्षेत्रों में विस्तार पर जोर दिया जायेगा ।

उन्होंने बताया कि हम कुटुम्ब प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से पारिवारिक संबंध को मजबूती बनाने पर जोर देंगे ।

गौरतलब है कि कुटुम्ब प्रबोधन के परिवारों को सप्ताह में एक दिन मिलना और दिनभर में एकबार साथ भोजन करना होता है । यह एक-दूसरे के परिवार को जानने का मौका होता है। कुटुंब प्रबोधन पारिवारिक संबंध को मजबूती देने की दिशा में शुरू किया गया है। इस दौरान खाने की टेबल पर कोई स्मार्टफोन नहीं होना चाहिए।

पदाधिकारी ने बताया कि सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के साथ ग्रामीण इलाकों में एक तालाब-एक मंदिर-एक शमशान अभियान को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

प्रतिनिधि सभा की बैठक के बारे में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनीन आंबेकर ने कहा था कि यह संघ में निर्णय की दृष्टि से सर्वाधिक महत्व की सभा है जिसमें पिछले वर्ष के कार्यवृत्त, संघ कार्य विस्तार की आगामी वर्ष की योजना, संघ शिक्षा वर्ग योजना, वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा होगी एवं कुछ विषयों पर प्रस्ताव भी आ सकते हैं।

भाषा दीपक दीपक उमा

उमा

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