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शशि थरूर को ‘एन एरा ऑफ डार्कनेस’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, छह कहानी-संग्रह, तीन निबंध संग्रह, एक-एक कथेतर गद्य, आत्मकथा और जीवनी के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार घोषित किए गए है.

शशि थरूर को अंग्रेजी का साहित्य अकादमी पुरस्कार/दिप्रिंट

नयी दिल्ली: साहित्य अकादमी ने हिन्दी के लिए नंदकिशोर आचार्य, अंग्रेजी के लिए सांसद डॉ शशि थरूर, उर्दू के लिए प्रो. शाफे किदवई और पंजाबी भाषा के लिए किरपाल कज़ाक समेत 23 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को वर्ष 2019 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की बुधवार को घोषणा की.

एक बयान में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि अंग्रेजी में कथेतर गद्य ‘एन एरा ऑफ डार्कंनेस’ के लिए कांग्रेस नेता एवं लोकसभा सदस्य थरूर को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की यह किताब 2016 में रिलीज की गई थी. यह किताब उन्होंने ब्रिटिश काल पर लिखी है. डॉ. शशि को अंग्रेजी भाषा के लिए पुरस्कार मिला है.

क्या खास है किताब में

तिरुवनंतपुरम केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने भारत में ब्रिटेन काल को अंधकार से जोड़ा है. ब्रिटश काल के इतिहास को बताती यह किताब 1857 क्रांति से लेकर 1919 का जलियांवाला बाग और ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आने से लेकर और फिर उनके भारत से जाने और स्वतंत्रता की पूरी लड़ाई को सिलसिलेवार तरीके से इस किताब में लिखा गया है.

शशि एक लेखक

शशि कांग्रेस कार्यकाल में विदेश तथा मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. वे तीन दशकों तक यूएन में एडमिनिस्ट्रेटर तथा पीसकीपर रहे हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास की और टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों की पढ़ाई की. वे कुल 18 पुस्तकें लिख चुके हैं, उनकी सबसे नई पुस्तक है—‘द पाराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ है और वह नेहरू: द इनवेंशन ऑफ इंडिया भी लिखी है जो राजनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से काफी अहम मानी जाती है.

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किन्हें मिला साहित्य पुरस्कार

एक बयान में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, छह कहानी-संग्रह, तीन निबंध संग्रह, एक-एक कथेतर गद्य, आत्मकथा और जीवनी के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार घोषित किए गए है.

उन्होंने बताया कि पुरस्कारों की अनुशंसा 23 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में बुधवार को इन्हें अनुमोदित किया गया.

श्रीनिवासराव ने बताया कि अंग्रेजी में कथेतर गद्य ‘एन एरा ऑफ डार्कंनेस’ के लिए थरूर को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा. थरूर कांग्रेस नेता हैं और केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से लोकसभा सदस्य हैं.

उन्होंने बताया कि हिन्दी में नंदकिशोर आचार्य को उनके कविता संग्रह ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

राव के मुताबिक, ‘सवनेह-सर सैयद : एक बाज़दीद (जीवनी) के लिए किदवई को पुरस्कृत किया जाएगा.

इसके अलावा, असमिया

में जयश्री गोस्वामी महंत को ‘चाणक्य’ (उपन्यास), मणिपुरी में बेरिल थंगा (एल. बिरमंगल सिंह) को ‘ई अमादी अदुनगीगी ईठत’ (उपन्यास), तमिल में चो. धर्मन को ‘सूल’(उपन्यास), और तेलुगु में बंदि नारायणा स्वामी को ‘सेप्ताभूमि’ (उपन्यास) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा.

श्रीनिवासराव ने कहा कि बोडो में फुकन चन्द्र बसुमतारी को ‘आखाइ आथुमनिफ्राय’ (कविता),कोंकणी में निलबा आ. खांडेकार को ‘ध वर्डस्’ (कविता), मैथिली में कुमार मनीष अरविन्द को ‘जिनगीक ओरिआओन करैत’ (कविता), मलयालम में वी. मधुसूदनन नायर को ‘अचन पिरन्ना वीदु’ (कविता), मराठी में अनुराधा पाटील

को ‘कदाचित अजूनही’ (कविता), संस्कृत में पेन्ना-मधुसूदनः को ‘प्रज्ञाचाक्षुषम्’ (कविता) के लिए प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि कहानी संग्रह के लिए अब्दुल अहद हाज़िनी (कश्मीरी) को ‘अख़ याद अख़ कयामत’, तरुण कांति मिश्र (ओड़िया) को ‘भास्वती’, किरपाल कज़ाक (पंजाबी) को ‘अंतहीन’, रामस्वरूप किसान (राजस्थानी) को ‘बारीक बात’, काली चरण हेम्ब्रम(संथाली) को ‘सिसिरजली’, ईश्वर मूरजाणी (सिंधी) को ‘जीजल’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

सचिव के मुताबिक, बाड्ला में ‘घुमेर दरजा थेले’ (निबंध) के लिए चिन्मय गुहा को, डोगरी में ‘बंदरालता दर्पण’ (निबंध) के लिए ओम शर्मा ‘जन्द्रयाड़ी’ को, गुजराती में ‘मोजमा रे’वुं रे !’ (निबंध) के लिए रतिलाल बोरीसागर को इस साल का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि कन्नड़ में विजया को ‘कुड़ी एसारू’ (आत्मकथा) के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाएगा.

श्रीनिवासराव ने बताया, ‘‘इन पुस्तकों को संबंधित भाषा के त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन-प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए चुना है. नियमानुसार कार्यकारी मंडल ने निर्णायकों के बहुमत के आधार पर अथवा सर्वसम्मति के आधार पर चयनित पुस्तकों के लिए आज पुरस्कारों की घोषणा की है.’’

उन्होंने कहा कि पुरस्कार एक जनवरी 2013 से 31 दिसम्बर 2017 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों को दिया गया है.

साहित्य अकादेमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी. घोषित पुरस्कार 25 फरवरी 2020 को दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह (साहित्योत्सव) में दिए जाएंगे.

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