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आरएसएस ने बेरोजगारी से निपटने के लिए ‘भारत-केंद्रित’ मॉडल पर जोर दिया

अहमदाबाद, 14 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सतत एवं समग्र विकास हासिल करने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के वास्ते ‘‘भारत-केंद्रित’’ मॉडल पर जोर दिया है।

देश में व्यापक स्तर पर युवाओं के बेरोजगारी का सामने करने पर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने देश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए काम के अवसरों को बढ़ाने के वास्ते रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया। एबीपीएस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नीति निर्धारण वाली शीर्ष इकाई है।

प्रस्ताव में एबीपीएस ने कहा कि वह इस पर जोर देना चाहती है कि रोजगार की चुनौती से निपटने के लिए काम के अवसर पैदा करने में पूरे समाज को अति सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उसने कहा, ‘‘चूंकि हमने कोविड-19 महामारी का रोजगार और आजीविका पर असर देखा है तो हमने नए अवसर पैदा होते हुए भी देखे हैं जिसका समाज के कुछ वर्गों ने लाभ उठाया है।’’

प्रस्ताव में कहा गया है कि एबीपीएस का यह मानना है कि ‘‘भारतीय आर्थिक मॉडल’’ पर जोर दिया जाए, जो मानव-केंद्रित, पर्यावरण अनुकूल हो और फायदों के विकेंद्रीकरण और समान वितरण पर जोर देती हो तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था, लघु, छोटे पैमाने पर और कृषि आधारित उद्योग को बढ़ाती हो।

इसमें कहा गया है, ‘‘एबीपीएस अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सतत एवं समग्र विकास हासिल करने के लिए रोजगार पैदा करने के भारत-केंद्रित मॉडल पर काम करने का आह्वान करती है।’’

एबीपीएस की तीन दिवसीय बैठक रविवार को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में पिराना में संपन्न हुई।

भाषा गोला शोभना

शोभना

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