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पाकिस्तान अभी और टूटेगा, भारत को केवल हिंदुत्व ही जोड़कर रख सकता है: आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल 

सरकार्यवाह बोले- भारत की सेना, भारत का संविधान, भारत की प्रशासनिक व्यवस्था और भारत की सड़कें या रेल नहीं नहीं, केवल हिंदुत्व भारत को एक रखता है.

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आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल पुस्तक विमोचन पर बोलते हुए | दिप्रिंट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने गुरुवार को कहा कि हिंदुत्व नाम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि एकत्व के अभाव में सोवियत संघ, यूगोस्लाविया बिखर गये और पाकिस्तान के भी टुकड़े हो गए. गोपाल ने कहा कि पाकिस्तान अभी और टूटेगा तथा तीन और देश बनेंगे.

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम में आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक जे. नंदकुमार द्वारा लिखी पुस्तक ‘हिंदुत्व फॉर द चेंजिंग टाइम्स’ के विमोचन समारोह में कृष्ण गोपाल ने कहा, ‘हिंदुत्व को समझना और समझाना बहुत ही कठिन विषय है. वो ही इसे समझा सकता है जो इसे समझ गया है. हिंदुत्व को समझना जैसे ब्रह्म को समझना. अगर कोई यह कहे कि मैं इसे समझा दूंगा तो यह बेहद ही कठिन विषय है लेकिन नंदकुमार जी ने इसे पूरी तरह से समझाने की हिम्मत अपनी पुस्तक के जरिये की है.’

पुस्तक विमोचन के दौरान आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल (बाएं से दूसरे ) व अन्य | दिप्रिंट

उन्होंने कहा, ‘भारत की सेना, भारत का संविधान, भारत की प्रशासनिक व्यवस्था और भारत की सड़कें या रेल नहीं नहीं, केवल हिंदुत्व भारत को एक रखता है. यह धरती के प्रति, नदियों और शिखरों के प्रति और तालाबों के किनारों के प्रति भक्ति का भाव आध्यत्म ने जगाया. उस आध्यत्म का नाम ही हिंदुत्व है. हिंदुत्व को समझने के लिए हमें आध्यत्म को समझना पड़ेगा.’

आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा, ‘हिन्दुत्व को समझाना काफी कठिन है क्योंकि जैसे ही कोई इसे समझायेगा, वैसे ही प्रश्न होगा. हिन्दुत्व का मौलिक चरित्र ही है कि मैं सहमत नहीं.’ उन्होंने इस संबंध में शिव पार्वती संवाद और कठोपनिषद के यम नचिकेता संवाद का उल्लेख किया और कहा कि इसमें यह बात सामने आई कि इनके बीच भी सहमति नहीं बनी.

उन्होंने कहा, जिस धरती पर अनेक प्रकार के विचारों को स्वतंत्रता मिली, वे विचार स्वतंत्रता के साथ फले और फूले और जिसने उनको अनुमति दी उस भावना का नाम आध्यात्म है. अगर कोई कहता है कि भारत में एक ही भाषा, एक बोली या एक पूजा पद्धति है, तो वह ठीक नहीं है. भारत का अध्यात्म कहता है कि यहां हजारों प्रकार की भाषा, बोलियां, हजारों प्रकार की पूजा पद्धतियां हैं.

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आरएसएस के सह सरकार्यवाह ने कहा, ‘प्रश्न करने की प्रज्ञा, सामर्थ्य और छूट हिंदुत्व है. जहां प्रश्न करने की छूट नहीं, वह अहिंदुत्व है.’ उन्होंने कहा कि जहां सवाल करने की छूट हो, अनेक प्रकार के विचारों को मानने की छूट हो, वे फले फूलें वही अध्यात्म है.

उन्होंने जोर दिया कि हिंदुत्व नाम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नहीं दिया है. 8वीं शताब्दी में देश पर हुए आक्रमण के बाद एक मंच पर आए आध्यात्मिक दर्शन के तहत हिंदुत्व की उत्पत्ति हुई और यह आध्यात्मिक दर्शन पूरे देश में फैल गया.

कृष्ण गोपाल ने कहा कि एक ईश्वर को प्राप्त करने के लिए भिन्न भिन्न मार्गों को देश के समाज ने मान्यता दी. देश में भाषा, वस्त्र, पद्धतियां, वातावरण के भिन्न होने के बावजूद ‘एकत्व’ का भाव पूरे देश, समाज को जोड़ता है.

उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी कोने में कोई भी व्यक्ति चाहे कोई पूजा पद्धति को अपनाता हो या कोई भी ग्रंथ पढ़ता हो लेकिन अगर वह सभी के सुखी होने की कामना करता है तो यह मान लें कि वह हिन्दू है. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक प्रकाश में कोई भी अपने जीवन का निर्वाह करता है तो वह हिन्दू है.

कृष्ण गोपाल ने कहा कि हिंदुत्व ही भारत को एक रखता है. उन्होंने कहा कि एकत्व के अभाव में सोवियत संघ, यूगोस्लाविया बिखर गये और पाकिस्तान के भी टुकड़े हो गए.

इस अवसर पर आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक जे नंद कुमार ने कहा कि कुछ लोग अंग्रेजी का ‘इज्म’ जोड़कर हिंदुत्व को हिंदुइज्म के रूप में पेश कर रहे हैं जबकि हिंदुत्व कोई सीमित दायरे में बंधा हुआ विचार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह एक सतत प्रवाह है, जो बदलते समय के साथ खुद को बदलता भी है और सबको समाहित भी करता है.

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