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राज्यसभा मार्शलों की नई यूनिफॉर्म पर विवाद, वेंकैया नायडू ने कहा- करेंगे पुनर्विचार

सोमवार को राज्यसभा के 250वें सत्र में मार्शल नई यूनिफार्म में नज़र आये, मार्शल के यूनिफार्म को आर्मी के यूनिफार्म से मेल खाने पर लोगों के आपत्ति ज़ाहिर की थी.

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राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू के साथ मार्शल । यूट्यूब स्क्रीनग्रैब

नई दिल्ली: राज्यसभा के मार्शल की नई यूनिफार्म को लेकर हुए बवाल के बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस पर पुनर्विचार के आदेश दिए हैं.

राज्यसभा के 250वें सत्र के दूसरे दिन राष्ट्रपति ने यह आदेश दिया. उन्होंने कहा, ‘बहुत सुझावों के बाद ये निर्णय लिया गया था. लेकिन बहुत से राजनेता और प्रतिष्ठित लोगों के इस संबंध में कुछ विचार हैं. नायडू ने कहा, ‘मैंने सचिवालय को इस बारे में पुनर्विचार करने के आदेश दे दिए हैं.’

सोमवार को सत्र के पहले दिन मार्शल की नई यूनिफार्म राज्यसभा सदस्यों के बीच कोतुहल का विषय बनी रही. ज्ञात हो कि राज्यसभा मार्शल- जो सदन की कार्यवाही में उपराष्ट्रपति की सहायता करते हैं- की पारम्परिक बंद-गला यूनिफार्म की जगह एक नेवी ब्लू रंग के एक कोट ने ले ली. पगड़ी की जगह अब मार्शल टोपी पहना करेंगे. हालांकि, इस टोपी और यूनिफार्म का आर्मी की यूनिफार्म से मेल खाना कई लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया.

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने पहले दिन सदन की कार्यवाही के दौरान चुटकी लेते हुए सभापति से पूछा, ‘क्या आप मार्शल कानून लागू करना चाहते हैं? इस पर वेंकैया नायडू ने जवाब दिया कि ऐसे फालतू के सवाल सदन कि कार्यवाही के दौरान नहीं उठाये जाने चाहिए.’

पूर्व आर्मी चीफ जनरल वेद प्रकाश मालिक ने भी एक ट्वीट के माध्यम से अपनी चिंता ज़ाहिर कि. उन्होंने कहा, ‘मिलिट्री यूनिफार्म की नक़ल करके गैर- मिलिट्री के लोगों द्वारा पहना जाना न सिर्फ गैर कानूनी है. बल्कि सुरक्षा के लिए भी खतरा है..आशा करता हूं कि उपराष्ट्रपति, राज्यसभा और राजनाथ सिंह जी इस बारे में जल्द संज्ञान लेंगे.’

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पूर्व डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने भी ट्वीट कर कहा था, ‘आखिर क्यों सरकारी और प्राइवेट संस्थाएं और अब राज्यसभा भी सैनिकों के सम्मान कि परवाह किये बिना सैन्य यूनिफॉर्म जैसी वेशभूषा चाहते हैं? क्या इसलिए क्योंकि सेना का आम जनता कि नज़रों में ऊंचा स्थान है? यूनिफॉर्म के सम्मान के लिए कानून होना चाहिए.’

एक अन्य सैन्य अधिकारी कर्नल टेकपाल सिंह ने पूछा, ‘क्या सैन्य यूनिफॉर्म के नक़ल करना गैर कानूनी नहीं है?’

एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘…आर्मी अफसरों से मिलती-जुलती टोपी का इस्तेमाल शायद ठीक नहीं है …पगड़ी होना ही ठीक था. आशा है कि राज्य सभा एक सही यूनिफार्म चुने.’

सूत्रों के अनुसार राज्य सभा मार्शल कि ये यूनिफॉर्म पांच दशकों के बाद बदली गयी है. नई यूनिफॉर्म में एक नेवी ब्लू जैकेट है, जिसके साथ एक सुसज्जित टोपी है. गर्मियों के सत्र के लिए नेवी जैसी वेशभूषा वाला सफ़ेद कोट रखा गया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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