पटना, 24 मार्च (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को छोड़कर सत्तारूढ़ ‘महागठबंधन’ में शामिल अन्य घटकों के विधायकों ने शुक्रवार को गुजरात की एक अदालत द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के विरोध में राज्य विधानसभा परिसर में मार्च किया।
बिहार विधानसभा की आज की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( भाकपा),मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के विधायक अपने वाहनों से सबसे बाहरी गेट पर उतरे और हाथों में बैनर एवं तख्तियां लिए कुछ सौ मीटर दूर विधानसभा हॉल की ओर मार्च किया तथा ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ के नारे लगाए।
विधानसभा की ओर मार्च करते हुए मांझी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अदालत को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। राहुल गांधी ने अपने तीखे बयानों से किसी का अपमान नहीं किया। मैं न्यायपालिका पर कोई आक्षेप नहीं करना चाहता लेकिन यह भी सच है कि लोग कब्रिस्तान खोदकर लाशों के बलात्कार की बात करने जैसे भयानक बयान देकर बच जाते हैं।’’
बिहार विधानसभा के भीतर महागठबंधन के विधायकों ने नारे लगाते रहे जिसके बाद अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भाकपा-माले के विधायक महबूब आलम से गठबंधन की ओर से बयान देने को कहा। हालांकि जैसे ही आलम ने ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ का नारा दोहराया, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अपनी सीट से खड़े हो गए और अपना विरोध दर्ज कराया।
अध्यक्ष ने इसी बीच मार्शलों से उन सदस्यों से बैनर, पोस्टर और प्लेकार्ड छीनने को कहा जो इन्हें सदन के अंदर लाए थे और प्रश्नकाल की कार्यवाही को आगे बढ़ाया।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार से उनकी पार्टी के रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह निष्कर्ष निकाला जाना गलत होगा कि हमारे विचार अलग-अलग हैं और इस संबंध में महागठबंधन में कोई समस्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बिहार विधान परिषद का सदस्य हूं। मार्च विधानसभा के सदस्यों द्वारा आयोजित किया गया था; लेकिन यह निष्कर्ष निकालना बेतुका होगा कि इसका हमारे सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार की कथित प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं से इसका कोई लेना-देना है।’’
नीरज ने कहा कि हमारे नेता ने कई बार कहा है कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं और विपक्षी एकता की आवश्यकता पर उनका रुख भी सर्वविदित है।
भाषा अनवर धीरज
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