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प्रमोशन में आरक्षण के मसले पर राहुल बोले- भाजपा और संघ आरक्षण खत्म करने की है रणनीति पर

प्रमोशन में आरक्षण पर सरकार दोनों सदनों में अपना जवाब भी देगी. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि इस मामले में सरकार जल्द ही अपना जवाब देगी.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी, फाइल फोटो /प्रवीण जैन दिप्रिंट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर दिए गए ​फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मसले पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है.

राहुल गांधी ने कहा, ‘भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है. वह किसी ना किसी तरह से आरक्षण को हिंदुस्तान के संविधान से निकलना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं होने देगी. मोदी जी या मोहन भागवत कितने ही सपने देख लें, हम आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे.’

प्रमोशन में आरक्षण पर सरकार दोनों सदनों में अपना जवाब भी देगी. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि इस मामले में सरकार अपना जवाब देगी.

वहीं लोकसभा में इस मसले को लेकर विपक्ष समेत कई दलों ने सदन में हंगामा किया.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दोबारा सदस्यों से आग्रह किया कि वे सदन की कार्यवाही को बाधित न करें. सरकार की ओर से केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री सदन में सरकार की तरफ बयान देंगे. इसकी प्रतीक्षा करनी चाहिए. अगर सरकार के बयान से विपक्षी दल सहमत नहीं हों तो लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति के बाद इस विषय पर चर्चा भी हो सकेगी लेकिन सदस्यों को सरकार के बयान के लिए धैर्य रखना चाहिए.

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राहुल ने कहा कि आरएसएस का एससी/एसटी सब प्लान और दिल्ली में रविदास मंदिर को तोड़ना इसी का एक हिस्सा था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान पर हमला हो रहा है. हर संस्था को तोड़ा जा रहा है. मुझे संसद में बोलने भी ​नहीं दिया जा रहा है. न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा रहा है.

गौरतलब है कि पिछले दिनों एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं है. अदालत राज्यों की सरकारों को एससी और एसटी के लोगों के लिए आरक्षण देने के लिए निर्देश जारी नहीं कर सकती. आरक्षण देने का अधिकार राज्य सरकारों पर निर्भर है.

वहीं इस मामले में सरकार की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी भी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट फैसले पर नाराजगी जता चुकी है. पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने ​ट्वीट किया था कि लोक जनशक्ति पार्टी उच्चतम न्यायालय के इस फ़ैसले से सहमत नहीं है. यह निर्णय पूना पैक्ट समझौते के खिलाफ़ है.

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