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उत्तर प्रदेश : अपना दल की नाराजगी से भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं

अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा नेतृत्व को सलाह दी है कि 'वे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ताजा हार से सबक लें और कार्यप्रणाली में सुधार करें.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल । पीटीआई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले गठबंधन में एक नया विवाद उभर कर सामने आया है. यहां भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) नेतृत्व ने आरोप लगाया है कि ‘गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है’ और ‘उसके पार्टी कार्यकर्ताओं को दरकिनार और अपमानित किया जा रहा है.’ अपना दल प्रदेश अध्यक्ष आशीष पटेल की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ कड़े बयान देने और कड़ा रुख अपनाने के बीच केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए और दिल्ली के लिए रवाना हो गईं.

दोनों पार्टियों के बीच तनाव ऐसे समय उभरकर सामने आ रहा है, जब भाजपा को अन्य जगहों पर भी अपने साथियों की वजह से दबाव का सामना करना पड़ रहा है.

हाल ही में पार्टी बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ सहमति पर पहुंची है और 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट बंटवारे का फार्मूला तय किया है.

लेकिन, बुधवार के राजनीतिक घटनाक्रम से उत्तर प्रदेश में भाजपा के अब तक दृढ़ सहयोगी रहे अपना दल के साथ संबंध खटास की ओर बढ़ने के संकेत मिले हैं.

अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा नेतृत्व को सलाह दी है कि ‘वे मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ताजा हार से सबक लें और कार्यप्रणाली में सुधार करें.

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उन्होंने कहा कि अगर पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं किया गया तो उनके लिए गठबंधन में बने रहने का कोई कारण नहीं दिखता.

लोकसभा में अपना दल के दो सांसद और राज्य विधानसभा में नौ विधायक हैं.

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