मंगलुरु, सात जनवरी (भाषा) उडुपी पुठिग मठ के प्रमुख श्री सुगुनेंद्र तीथा स्वामी ने 18 जनवरी से शुरू होने वाले चौथे ‘पर्याय’ के हिस्से के रूप में ‘कोटि गीता लेखन यज्ञ’ शुरू किया है। यह ‘पर्याय’ दो साल की अवधि के लिए होगा।
संत ने उडुपी में शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि मठ ने कोटि गीता लेखन यज्ञ के हिस्से के रूप में उडुपी श्रीकृष्ण को भगवद गीता की एक करोड़ हस्तलिखित प्रतियां भेंट करने की योजना बनाई है।
संत अपने 50 साल के संन्यास जीवन में चौथी बार ‘पर्याय पीठ’ पर आरोहण कर रहे हैं। वे इससे पहले 1972, 1992 और 2008 में आरोहण कर चुके हैं।
संत ने अपने पर्याय को ‘विश्व गीता पर्याय’ नाम देते हुए श्रद्धालुओं से मठ से भगवद गीता और नोटबुक हासिल कर यज्ञ में भाग लेने का आग्रह किया।
यज्ञ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को 17 जनवरी 2026 से पहले गीता के श्लोकों को लिखने और हस्तलिखित प्रतियां जमा कराने के लिए कहा गया है। 17 जनवरी 2026 उनका ‘पर्याय’ कार्यकाल समाप्त होगा।
संत का ‘पुरा प्रवेश’ आठ जनवरी को होगा। विभिन्न संगठन और भजन मंडलियां सोमवार को जोडुकट्टे से ‘कार स्ट्रीट’ तक जुलूस निकालेंगी। उडुपी जिला प्रशासन और स्थानीय समिति द्वारा अभिनंदन भी किया जाएगा।
भाषा खारी रंजन
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