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सोनभद्र में बोलीं प्रियंका- गलत तरीके से हटाया गया अनुच्छेद 370, बीजेपी दबाती है सबकी आवाज

प्रियंका गांधी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक तरीके से हटाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाने की लड़ाई जारी रखेंगी.

सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों मिलते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा । फोटो साभार : सोशल मीडिया
सोनभद्र: सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह असंवैधानिक है जिस तरीके से इसे हटाया गया. इसे हटाने में लोकतांत्रिक प्रकिया नहीं अपनाई गई. कश्मीर मामले में प्रियंका गांधी का यह पहला बयान है. उन्होंने ये भी कहा, ‘कांग्रेस में एक मुद्दे पर लोगों के अलग-अलग विचार कई बार होते हैं, फिर उस पर चर्चा की जाती है. बीजेपी की तरह किसी की आवाज दबाई नहीं जाती है.’
इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी थी. जिसमें कश्मीर पर भी लिखा था. प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा था, ‘ईद मुबारक! खास तौर पर कश्मीर के मेरे बहनों-भाइयों को जो भयानक बंदिशें और दिक्कतें झेल रहे हैं. केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र में बाढ़ का सामना कर रहे उन परिवारों को भी जो शायद आज पूरी तरह से ईद के त्योहार को मना नहीं पाए.’

गांव जाकर बांटा दर्द, घटनास्थल का किया दौरा

मंगलवार को प्रियंका गांधी सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों से मिलने उम्भा गांव पहुंचीं और दर्द बांटा. उन्होंने कहा, ‘वह पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाने की लड़ाई जारी रखेंगी.’ इस दौरान प्रियंका रास्ते में जुटे ग्रामीणों से भी मुलाकात की. प्रियंका ने मिर्जापुर के अदालहाट में रुककर वहां मौजूद ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं. प्रियंका उम्भा गांव की उस जगह पर भी गईं जहां हिंसा हुई थी. उन्होंने ग्रामीणों से उस घटना के बार में विस्तृत जानकारी ली.

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इस दौरान प्रियंका गांधी ने मीडिया से कहा कि उम्भा की घटना सामने आने के बाद शासन से नामित जांच रिपोर्ट सौंपी गई, तो उन्होंने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जो कि गलत आरोप है. इस घटना में कई निर्दोष लोगों पर कार्रवाई हो रही. महिलाओं पर भी गुंडा एक्ट लगाया गया है. ये सरकार गरीब-मजदूर विरोधी है. यहां पीड़ित परिवारों की आवाज दबा रही है. वह उनकी आवाज उठाकर रहेंगी.
सोनभद्र नरसंहार के पीड़ित परिवारों से मिलने जाते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा । फोटो साभार : सोशल मीडिया

प्रियंका के धरने  के बाद मामले ने पकड़ा तूल

बता दें कि सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र स्थित इलाके में 17 जुलाई को जमीन के एक टुकड़े को लेकर हुए संघर्ष में 10 ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी और 28 अन्य घायल हो गए थे. मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने 19 जुलाई को जा रहीं प्रियंका को मिर्जापुर जिला प्रशासन ने बीच में ही रोक लिया था. उनके धरने पर बैठने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया था. अगली सुबह गोलीकांड के पीड़ित कुछ परिवारों ने गेस्ट हाउस आकर प्रियंका से मुलाकात की थी. कांग्रेस की ओर से पीड़ित परिवारों की आर्थिक मदद भी की गई. प्रियंका ने घर आकर इन पीड़ित परिवारों से मिलने का वादा किया था. प्रियंका के पिछले दौरे के बाद ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पीड़ित परिवारों से मिलने उम्भा गांव पहुंचे थे.
प्रियंका ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा, ‘चुनार के किले पर मुझसे मिलने आये उम्भा गांव के पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मैंने वादा किया था कि मैं उनके गांव आऊंगी. आज मैं उम्भा गांव के बहनों-भाइयों और बच्चों से मिलने, उनका हालचाल सुनने-देखने, उनका संघर्ष साझा करने सोनभद्र जा रही हूं.’ सुबह करीब 10 बजे वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचीं. प्रियंका सड़क मार्ग से उम्भा गांव रवाना हुईं. करीब तीन घंटे गांव में बिताने के बाद वह वापस वाराणसी लौट गईं. उनके साथ विधायक अजय लल्लू, पूर्व विधायक अजय राय समेत तमाम कांग्रेसी नेता मौजूद रहे.

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बीजेपी ने बताया राजनीतिक स्टंट

बीजेपी ने प्रियंका की इस यात्रा को राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि कांग्रेस महासचिव को सोनभद्र में अपनी ही पार्टी के नेताओं के पूर्व के कृत्यों का पश्चात्ताप करना चाहिये. बीजेपी प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि प्रियंका को ग्रामीणों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि इस हिंसा का कारण कांग्रेस के दौर में बनाए गए नियम हैं. प्रियंका गांधी को अगर जनता की समस्याओें से ईमानदारी से सरोकार होता, तो वह कांग्रेस सरकार के दौरान हुई जमीनों की धांधलियों पर प्रश्चाताप करतीं.

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