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प्रधानमंत्री ने चुनावी राज्य कर्नाटक में करोड़ों रूपये की योजनाओं का किया उद्घाटन व शिलान्यास

(तस्वीरों सहित )

यादगिर/कलबुर्गी, 19 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उत्तर कर्नाटक में करोड़ों रूपये के विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास कर राज्य के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की। इस कदम से प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लगभग तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में उतरने से पहले अपने समीकरणों को साधने का एक अवसर मिल गया।

पिछले दस से भी कम दिनों में यह कर्नाटक का प्रधानमंत्री का दूसरा दौरा है। इससे पहले वह 12 जनवरी को हुब्बल्लि आए थे और वहां राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करने के अलावा उन्होंने एक रोड शो भी किया था।

प्रधानमंत्री के ये दौरे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा कर्नाटक में मई में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है और उसने कुल 224 में से कम से कम 150 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।

हालांकि आज का प्रधानमंत्री का दौरा आधिकारिक था, मोदी ने अपने भाषणों के केंद्र में विकास को रखा लेकिन साथ ही बगैर किसी का नाम लिए उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा और उन पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया।

मोदी का दौरा और क्षेत्र में भाजपा सरकार की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह इलाका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रभाव वाला है। कलबुर्गी उनका गृह शहर है।

भाजपा इस इलाके में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। कांग्रेस का आज भी इस इलाके में खासा प्रभाव है।

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस क्षेत्र की 22 सीटों पर सफलता मिली थी जबकि भाजपा दूसरे स्थान पर भी। जनता दल (सेक्यूलर) ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली कर्नाटक जनता पार्टी को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बाद में येदियुरप्पा की पार्टी का भाजपा में विलय हो गया।

उससे पहले, 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19, भाजपा ने 15 और जद (एस) ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी।

प्रधानमंत्री ने कोडेकल में सिंचाई, पेयजल और राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया और फिर दोपहर में कलबुर्गी में घुमंतू लंबानी (बंजारा) जनजाति के 52,000 से अधिक सदस्यों के लिए जमीन का मालिकाना हक देने वाले ‘हक्कू पत्र’ वितरण अभियान की शुरुआत की।

मोदी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने यादगिर और उत्तरी कर्नाटक के आसपास के इलाकों को पिछड़ा घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था लेकिन उनकी सरकार ने यादगिर सहित देश के 100 से अधिक जिलों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरू किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र के विकास में पिछड़ने का कारण यह है कि यहां की पिछली सरकारों ने पिछड़ेपन से छुटकारा दिलाने के बारे में सोचा ही नहीं। इसके (विकास) प्रति प्रयास करना तो दूर की बात है। जब बिजली, सड़क और पानी के बुनियादी ढांचे में निवेश करने का समय था, तब सत्ता में रहने वाली पार्टियों ने वोट बैंक की राजनीति को प्राथमिकता दी।’’

किसी पार्टी या सरकार का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि हर परियोजना और कार्यक्रमों को एक चश्मे से देखा गया कि कैसे एक विशेष समुदाय के वोटों को सिर्फ एक मजबूत वोट बैंक में परिवर्तित किया जाए तथा इसका सबसे बड़ा नुकसान कर्नाटक और इस क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन जिलों में सुशासन पर बल दिया है। विकास के पैमाने पर काम शुरू किया है। जिन जिलों को पहले की सरकारों ने पिछड़ा घोषित किया, उन जिलों में हमने विकास की आकांक्षा को प्रोत्साहित किया। पूर्ववर्ती सरकारों की प्राथमिकता वोट बैंक की राजनीति थी लेकिन हमारी प्राथमिकता विकास है।’’

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कई विकास योजनाओं व कार्यक्रमों का उल्लेख किया और कहा कि राज्य की जनता देख सकती है कि उन्हें ‘डबल इंजन’ सरकार का कितना फायदा मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि वह जब केंद्र की सत्ता में आए थे तब देश में केवल तीन करोड़ ग्रामीण मकान ऐसे थे जहां नल से जल की आपूर्ति होती थी लेकिन अब ऐसे 11 करोड़ ग्रामीण घर हैं।

‘‘हर घर नल से जल अभियान’’ को सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘डबल इंजन सरकार यानी दोगुना कल्याण, डबल इंजन सरकार यानी दोगुना विकास।’’

उन्होंने कहा कि भारत को विकसित होना है तो सीमा सुरक्षा, तटीय सुरक्षा और आतंरिक सुरक्षा की तरह जल सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों को समाप्त करना होगा।

प्रधानमंत्री ने इससे पहले सभी घरों में नल से जल की आपूर्ति के माध्यम से स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल प्रदान करने के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप जल जीवन मिशन के अंतर्गत यादगिर बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति योजना की आधारशिला भी रखी।

इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री भगवंत खूबा सहित कई नेता मौजूद थे।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश अगले 25 वर्षों के नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह 25 साल देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अमृत काल है। प्रत्येक राज्य के लिए अमृत काल है। अमृत काल में हमें विकसित भारत का निर्माण करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत विकसित तब हो सकता है जब देश का हर नागरिक, हर परिवार, हर राज्य इस अभियान से जुड़े। भारत विकसित तब हो सकता है, जब खेत में काम करने वाला किसान हो या फिर उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक, सभी का जीवन बेहतर हो।’’

आजादी के 75वें वर्ष से लेकर 100वें वर्ष तक के सफर को प्रधानमंत्री अक्सर अमृत काल कह कर पुकारते हैं। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर इसका उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस कालखंड में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया था।

कर्नाटक में मोदी का इस महीने यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वह राष्ट्रीय युवा महोत्सव के उद्घाटन के लिए हुब्बल्लि आए थे और उन्होंने इस दौरान एक रोड शो भी किया था।

पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि देश में दशकों तक करोड़ों छोटे किसान हर सुख-सुविधा से वंचित रहे और सरकारी नीतियों में उनका ध्यान तक नहीं रखा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘आज यही छोटा किसान देश की कृषि नीति की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया है उनसे यादगिर, रायचूर, कलबुर्गी सहित पूरे क्षेत्र में विकास होगा और रोजगार को बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री बोम्मई की सराहना भी की।

मालखेड में ‘हक्कू पत्र’ वितरित करने के अवसर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह बंजारा (लंबानी घुमंतू) समुदाय के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है क्योंकि ‘हक्कू पत्र’ के माध्यम से 50,000 से अधिक लोगों को उनके घर का हक मिला है।’’

उन्होंने कहा कि यह ‘हक्कू पत्र’ कलबुर्गी, बीदर, यादगिर, रायचूर और विजयपुरा जिलों में टांडा (लंबानी समदुाय के रिहायशी स्थल) में रहने वाले हजारों लोगों के भविष्य को सुरक्षित करेगा।

उन्होंने दावा किया कि 1993 में ‘टांडा’ को राजस्व गांव का दर्जा देने की सिफारिश की गई थी लेकिन सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दल ने लंबानी को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और कभी भी इन पिछड़े परिवारों के जीवन स्तर में सुधार करने की कोशिश नहीं की।

मोदी ने कहा, ‘‘टांडा में रहने वालों को अपने अधिकारों के लिए एक लंबा संघर्ष करना पड़ा और कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘लेकिन अब निराशाजनक माहौल बदल रहा है। मैं बंजारा माताओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बेटा (मोदी) दिल्ली में बैठा है।’’

कलबुर्गी, यादगिर, रायचूर, बीदर और विजयपुरा जिलों में लगभग 1,475 गैर-पंजीकृत बस्तियों को नए राजस्व गांवों के रूप में घोषित किया गया है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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