कोलकाता, 12 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में आगजनी और हिंसा का मुख्य आरोपी रामपुरहाट में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा स्थापित एक अस्थायी कार्यालय में सोमवार को ‘फंदे से लटकता’ पाया गया। केंद्रीय एजेंसी के एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
मार्च में हुई इस घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी। आरोपी ललन शेख को इस महीने की शुरुआत में पश्चिम बंगाल-झारखंड सीमा पर एक स्थान से गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई सूत्र ने कहा कि आरोपी का शव कार्यालय के शौचालय में मिला था। एजेंसी ने रामपुरहाट में एक अतिथि गृह में अस्थायी कार्यालय स्थापित किया है।
हालांकि, उसके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसकी ‘मौत प्रताड़ना से हुई’ जो उसे सीबीआई हिरासत में दी गई थी।
सीबीआई सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘बोगतुई हिंसा के मुख्य आरोपी का शव हमारे अस्थायी शिविर, अतिथि गृह के शौचालय में शाम लगभग 4.30 बजे फंदे से लटकता मिला। हमने पुलिस को सूचित कर दिया है और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।’’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेता भादू शेख की 21 मार्च को हत्या के बाद हुई आगजनी और हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए थे। सीबीआई कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच कर रही है।
शेख के परिवार के सदस्यों ने मामले की जांच की मांग करते हुए दावा किया कि सीबीआई हिरासत में शेख को ‘‘बुरी तरह से पीटा गया।’’
ललन शेख की बड़ी बहन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरे भाई को कुछ दिन पहले हमारे गांव लाया गया था (जांच के तहत) और उसने हमें बताया कि सीबीआई अधिकारी हिरासत में उसकी पिटाई करते हैं। वह मरने से डर रहा था। हम उन सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं जो मेरे भाई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।’
संपर्क करने पर बीरभूम जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि जल्द ही जांच शुरू की जाएगी।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”मौत के पीछे का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। हमें सीबीआई ने शाम लगभग 4.40 बजे मौत के बारे में सूचित किया था। हम मामले को देखेंगे।
भाषा देवेंद्र अर्पणा
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