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जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों ने शाह के बयान को खुद में विरोधाभासी करार दिया

श्रीनगर, 22 जनवरी (भाषा) जम्मू कश्मीर में राजनीतिक दलों ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान को शनिवार को खुद में विरोधाभासी करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा चुनाव होगा और स्थिति सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का इसका दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।

केन्द्रीय मंत्री के उक्त बयान पर राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर कहा, ‘‘एक झूठी सामान्य स्थिति बनाने के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों को आतंकित करने के बाद, भारत सरकार का यह स्वीकार करना कि स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है, खुद में विरोधाभासी बयान है।’’

शाह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने सवाल किया कि सामान्य स्थिति को कौन परिभाषित करेगा। लोन ने ट्विटर पर कहा, ‘‘सामान्य स्थिति को कौन परिभाषित करेगा? और एक संघीय ढांचे में, क्या हम वास्तव में सत्ता हासिल करने के बहाने के रूप में सामान्य स्थिति का उपयोग कर सकते हैं। पूर्ण राज्य का दर्जा के बगैर प्रत्येक दिन संघवाद का अपमान है।’’

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम. वाई. तारिगामी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को सहभागिता और प्रतिनिधित्व के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जो सुशासन के मूलभूत सिद्धांतों में एक है।

शाह ने भारत का पहला ‘जिला सुशासन सूचकांक’ वर्चुअल रूप से जारी करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता है और केंद्र शासित प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ​​लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सवाल है, परिसीमन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके पूरा होने के बाद हम (विधानसभा) चुनाव कराएंगे।’’

भाषा

देवेंद्र सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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