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गुलाबी गेंद की चुनौती पर खरा उतरा भारत, बांग्लादेश को हराकर लगातार 12वीं श्रृंखला जीती

कप्तान विराट कोहली की टीम ने यह काम 50 मिनट से भी कम समय में पूरा कर लिया जिससे उन्होंने पारी की लगातार चौथी जीत अपने नाम की और वह ऐसा करने वाली पहली टीम बन गयी.

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भारतीय क्रिकेट टीम, प्रतीकात्मक तस्वीर ।बीसीसीआई /ट्विटर

कोलकाता :  भारत ने गुलाबी गेंद से मिलने वाली चुनौतियों पर खरा उतरते हुए पहले दिन-रात्रि टेस्ट में बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराकर घरेलू सरजमीं पर लगातार 12वीं श्रृंखला जीती.

बांग्लादेश ने तीसरे दिन दूसरी पारी छह विकेट पर 152 रन से शुरू की और तब वह 89 रन से पिछड़ रही थी. इससे घरेलू टीम के लिये जीतने की औपचारिकता पूरी करना बस समय की बात थी.

कप्तान विराट कोहली की टीम ने यह काम 50 मिनट से भी कम समय में पूरा कर लिया जिससे उन्होंने पारी की लगातार चौथी जीत अपने नाम की और वह ऐसा करने वाली पहली टीम बन गयी.

मुशफिकुर रहीम (74) को छोड़कर बांग्लादेश के बल्लेबाज एक बार फिर भारत के शानदार तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना नहीं कर सके और पूरी टीम 41.1 ओवर में 195 रन पर सिमट गयी. पहले दिन टीम 106 रन पर सिमट गयी थी.

इस श्रृंखला में दूसरी बार मैच तीन दिन के भीतर खत्म हो गया. भारत ने इंदौर में श्रृंखला के शुरूआती मैच में बांग्लादेश को पारी और 130 रन से मात दी थी.

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इस 2-0 की शानदार जीत से भारत ने 120 अंक जुटाकर विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में अपनी बढ़त भी बढ़ा ली और उनके सात मैचों में कुल 360 अंक हो गये हैं.

मुशफिकुर ने 59 रन से खेलना शुरू किया, उन्होंने आक्रामकता दिखाते हुए इशांत शर्मा और रविंद्र जडेजा के ओवरों में दो चौके जमाये.

उमेश यादव ने मुशफिकुर की पारी का अंत किया जो सही टाइमिंग नहीं करने से जडेजा को आसान कैच दे बैठे. उनकी पारी में 16 चौके जड़े थे.

महमूदुल्लाह 39 रन पर रिटायर्ड हर्ट हुए थे, वह बल्लेबाजी के लिये नहीं उतरे. यादव ने फिर अल अमीन हुसैन को विकेटकीपर के हाथों कैच आउट कराया और भारत ने जीत हासिल की. यादव ने दूसरी पारी में 53 रन देकर पांच विकेट लेकर मैच में 81 रन देकर कुल आठ विकेट चटकाये.

मोहम्मद शमी ने पहली पारी में 36 रन देकर दो विकेट चटकाये थे लेकिन दूसरी पारी में भी उन्होंने अपनी गेंदबाजी का भय बनाये रखा.

इशांत को उनकी इनस्विंग और लेगकटर जैसी गेंद के कारण खेलना मुश्किल दिख रहा था , उन्होंने मैच में 78 रन देकर नौ विकेट (दूसरी पारी में 56 रन देकर चार विकेट) झटके.

गुलाबी गेंद के इस एतिहासिक टेस्ट के लिये ईडन गार्डन्स बेहतरीन मेजबान रहा जिसमें तीनों दिन स्टेडियम खचाखच भरा रहा. इससे उस समय की याद ताजा हो आयी जब टेस्ट क्रिकेट काफी लोकप्रिय हुआ करता था लेकिन मैदान पर प्रतिस्पर्धा की कमी इस मैच को लेकर चल रही हाइप के जरा भी करीब नहीं पहुंच सकी.

एसजी गुलाबी गेंद का बड़े मैच में इस्तेमाल करने से पहले प्रतिस्पर्धी मैच में परीक्षण नहीं किया गया और उम्मीदों के अनुरूप इसने भारत के खतरनाक तेज गेंदबाजी आक्रमण की मदद की जिन्होंने सभी विकेट हासिल किये.

उनकी खतरनाक फार्म का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश के चार बल्लेबाजों को सिर में गेंद लगने से टीम को दो स्थानापन्न खिलाड़ियों को उतारना पड़ा. हेलमेट पर बार बार गेंद लगने से गुलाबी गेंद की दृश्यता पर सवाल भी उठे, विशेषकर सांझ ढलने पर.

मैच को विराट कोहली के 27वें टेस्ट शतक के लिये भी याद रखा जायेगा जिससे उनके अंतरराष्ट्रीय शतकों की संख्या 70 पहुंच गयी है.

सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई ने इस मैच को यादगार बनाने के लिये सब कुछ किया और वे ऐसा करने में सफल भी रहे.

मैदान पर महज 968 गेंद डाली गयी जिससे यह देश में नतीजे निकलने वाला सबसे छोटा मैच रहा जिससे भारत ने घरेलू और विदेशी मैदान पर लगातार सातवीं टेस्ट जीत हासिल की.

गेंदों के लिहाज से भारत ने इससे पहले 2018 में अफगानिस्तान के खिलाफ सबसे जल्दी जीत हासिल की थी. इसमें 1028 गेंद फेंकी गयी थीं और उसने अफगानिस्तान को पारी और 262 रन से हराया था.

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