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धारा 370 आज इस सदन की सहमति से समाप्त हो जाएगा: गृहमंत्री शाह

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के मंगलवार को चर्चा के लिए लोकसभा में रखा गया. सोमवार को उच्च सदन से इस बिल को मंजूरी मिली थी.

साभार: लोकसभा टीवी

नई दिल्ली:राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के मंगलवार को लोकसभा में भी पास हो गया. लोकसभा में बिल के पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े. सोमवार को उच्च सदन से इस बिल को मंजूरी मिल थी. इसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे.

5.55 PM: गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं कि धारा 370 आज इस सदन की सहमति से समाप्त हो जाएगा.’ इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और उनके साहस की सराहना की. उन्होंने कहा कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्यों का दर्जा देने में कोई परेशानी नहीं होगी. शाह ने कहा कि ताज़ा बिल में पीओके और अक्साई चिन का भी उल्लेख है. उनके कहना का मतलब है कि ये दोनों भी भारत का अभिन्न अंग है.

अमित शाह ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी से सवाल किया, ‘जब हमारी सेना (पाकिस्तान के ख़िलाफ़) विजयी हो रही थी. ऐसे में एकतरफ सशस्त्र विराम किसने किया?’ शाह ने कहा कि अगर नेहरू ने सेना को नहीं रोका होता तो पूरा पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा होता. शाह ने ये भी सवाल किया कि कश्मीर के मुद्दे को यूएन में कौन ले गया?

शाह ने कहा कि जब भी इस घटना का ज़िक्र होगा, इतिहास पीएम मोदी को सालों सालों तक याद करेगा. शाह ने विपक्ष को जवाब देते हुए धारा 370 और 371 के बीच का अंतर बताया. उन्होंने कहा कि दोनों धाराओं की कोई तुलना नहीं और लोगों को इनकी तुलना करके उन्हें गुमराह किया जा रहा है. गृहमंत्री ने धारा 371 वाले राज्यों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार की इस धारा को हटाने की कोई मंशा नहीं है.

शाह ने कहा कि कश्मीरी हितधारकों से चर्चा नहीं होती. 70 सालों से चर्चा हो रही थी. लेकिन कोई कोई रास्ता नहीं निकला. घाटी के लोग भारत के हैं, देश उन्हें सीने से लगाएगा और उनकी चिंताओं का समाधान देगा. गृहमंत्री ने कहा, ‘घाटी के लोगों से जितनी चर्चा की दरकार होगी उतनी चर्चा करेंगे.’

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5:47 PM: केद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद लोकसभा में बिल पर अपनी बात रख रहे थे. इसी दौरान पीएम नरेंद्र मोदी सदन में पहुंचे. जैसे ही पीएम आए वैसे ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जय श्री राम और भारत मात की जय के नारे से पीएम का स्वागत किया गया. नारे लगाने का विरोध विपक्षी सदस्यों ने किया. इस पर गृहमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि यह नारे आज सदन में ही नहीं,बल्कि पूरे देश और गांवों में लग रहे है.

5.05 PM: एआईएमआईएम प्रमुख असद्द्दीन ओवैसी ने कहा, ‘सरकार से जानना चाहता हूं कि वो इजरायल, चीन और साउथ अफ्रीका की राह पर चलना चाहती है? भाजपा ने ये नाजियों से सीखा है, उन्हें भी संविधान की कद्र नहीं थी. नागा समस्या को ये कदम और गंभीर बनाएगा. मैं जानना चाहता हूं कि ओवैसी कब हिमाचल में खेती के लिए ज़मीन ख़रीद पाएगा? इनके सांसद कह रहे हैं कि ये दिवाली है, कश्मीरियों को ये क्यों नहीं मनाने नहीं दिया जा रहा है? कश्मीर को वेस्ट बैंक बना दिया गया. सोमवार को ईद है, इस मौके पर कश्मीरी क्या करेंगे? मैं इस बिल का विरोध करता हूं.’

4.51 PM:  सीपीएम सांसद अब्दुल मजीद आरिफ ने लोकसभा में बिल का विरोध करते हुए कहा कि लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने कहा कि देश अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है. सदन मे यूएपीए और एनआईए बिल कैसे पास हुए है. यह सभी को पता है.

4.34 PM: लोकसभा मे अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि कश्मीर को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने का निर्णय हमारी सरकार ने लिय है.धारा 370 के कारण राज्य में लोकतंत्र का दमन हुआ. वहां विकास के कोई काम नहीं हुए. वही भ्र्ष्टाचार में भारी बढोत्तरी हुई है. सरकार का यह फैसला भारत के भूगोल को ही नहीं भारत के इतिहास को बदलने जा रहा है.

4.24 PM: लोकसभा में अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने बिल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, ‘मैं इस साहसिक फैसले के लिए पीएम मोदी और गृहमंत्री को बधाई देता हूं.’

4.15 PM: लोकसभा में टीडीपी के सांसद जयदैव गल्ला ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि धारा 370 को हटाना से राज्य के विकास में तेजी आएगी. पहले ही कश्मीर का बहुत नुकसान हो गया है अब वहां विकास के काम शुरु होंगे. गल्ला ने सरकार से अनुरोध किया कि वहां जल्द ही हालत सामान्य होना चाहिए. वहां के लोग शांति से रहे ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए.

4.00 PM: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘ये बिल बिना लोकल पार्टियों से बात किए बगैर लाया गया है. दो पूर्व सीएम हिरासत में हैं.’ इसके बाद अमित शाह ने थरूर को भी बताया कि फारुख अब्दुल्ला अपने घर पर हैं और मौज मस्ती में है. शाह ने कहा कि उन्हें नहीं आना तो बंदूक कनपट्टी पर रखकर नहीं ला सकते.

इसके बाद थरूर ने कहा कि राज्य के स्कूलो-कॉलेजों तक को बंद कर दिया गया है और संवाद के सारे साधन बंद कर दिए है. कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है इसपर कोई विवाद नहीं है. लेकिन जिस तरीके से ये किया जा रहा है उससे भारत के लोकतंत्र को धक्का पहुंचा है. आप बिल पास करा लेंगे क्योंकि आपके पास भारी बहुमत है लेकिन ये लोकतांत्रिक नहीं होगा. कश्मीर के लोगों से संपर्क किए बिना उनका रिश्ता भारत के संविधान से बदल दिया गया, ये ग़लत है.

उन्होंने ये मांग भी की कि पीएम को इस बारे में संसद में अपनी बात रखने चाहिए. इसके पहले उनके द्वारा किए गए नोटबंदी के फैसले से देश अभी तक जूझ रहा है. इस फैसले से लगे ताज़ा धक्कों में टूरिज़्म है. विदेश की सरकारों ने अपने नागरिकों को कश्मीर को आने से मना किया है. ऐसा तब है जबकि पीएम मोदी ने कश्मीर के युवाओं को टूरिज़्म और टेररिज़्म में से एक को चुनने को कहा था. कश्मीर के लोगों के अच्छे दिन कब आएंगे? पाकिस्तान मुद्दे को यूएन के पास लेकर गया है जिसने बयान जारी किया है.

थरूर ने ये भी कहा कि कांग्रेस को राष्ट्रवाद सिखने की दरकार नहीं है, पार्टी ने असल मायने में राष्ट्रवाद का झंडा बुलंद किया है. इसी से आज़ादी की नींव पड़ी थी. लोकसभा को नोटिस बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. फैसले लेकर यहां बस जानकारी दे दी जाती है. नेहरू जी ने लोकसभा में कहा था कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा फैसला वहां के लोगों के दिल और दिमागों के जरिए होगा. गृहमंत्री का बयान सही है कि कैबिनेट ने ये फैसला नहीं किया था. सरदार पटेल की सहमति के बाद धारा 370 को संविधान में शामिल किया गया था.

3.52 PM: लोजपा सांसद चिराग पासवान ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा कि इस धारा के हटने से कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना है.सरकार के इस फैसले से राज्य में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेगे.हमारी पार्टी इस फैसले का समर्थन करती है.

3.45 PM: लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने से कुछ नहीं खोने वाला है. केवल दो परिवार अपनी रोजी रोटी खो देंगे. लद्दाख के लोग किसी भी हालत में कश्मीर के साथ नहीं रहना चाहते थे, लेकिन पिछली सरकारों ने इस मांगे को जानने की कोशिश ही नहीं की है. उन्होंने कहा, ‘हमारी भाषा और हमारी पहचान इसी धारा 370 के कारण खत्म हुई है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हम जैसे लोगों को देश प्रेम और देश के लिए मर मिटने का जज्बा दिया है. धारा 370 के हटने से जम्मू-कश्मीर किसी की जागीर नहीं रह गया.’

3.35 PM: कई सदस्यों के फारूक अब्दुल्ला के बारें में पूछने पर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ करते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला साहब अपने घर में है. वे न तो नजरबंद है न हिरासत में है. यहां न आने चाहते तो हम क्या करे.

3.14 PM: अमित शाह ने हसनैन मसूदी से मांग की कि वो इसका रिफ्रेंस दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहां आर्टिकल 370 का समर्थन किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी यही मांग करते हुए कहा कि अगर कोई रेफ्रेंस नहीं हो तो उन्हें सदन से माफी मांगनी चाहिए.

3.03 PM: जेकेएनसी के हसनैन मसूदी ने कहा, ‘आपने 1 करोड़ 25 लाख़ लोगों को भरोसा खोया. जम्मू-कश्मीर एक आज़ाद मुल्क था. हमने इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेस पर दस्तखत किया.’ उन्होंने आगे कहा कि इतिहास फैसला करेगा कि फैसला सही था या ग़लत. संविधान 370 को बदलने की इजाज़त नहीं देता. इसे राष्ट्रपति के आदेश से पास नहीं किया जा सकता, इसे संविधान को रौंद कर किया जा रहा है. कानून के तहत इसे पहले वहां की असेंबली के सामने रखना होगा. राज्य के लोगों को वहां की राय रखने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि इससे मामले कहां तक बिगड़ जाएंगे.’

2.53 PM: सपा से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि दो दिन पहले राज्य के गर्वनर कहते है कि राज्य में कुछ नहीं होने जा रहा है, लेकिन 48 घंटे में क्या हुआ यह सब जानते है. जो फैसला हमने आपने लिया है उससे पहले यह तो जान ले कि उस उस राज्य के लोग खुश भी है या नहीं.

वे क्या चाहते है. यादव ने कहा, ‘कश्मीर में हमने भी अपने कई लोगों को खोया है. मेरे सैनिक स्कूल के कई लोग कश्मीर मे शहीद हुए है. सरकार ने लोकतंत्र के साथ छल कपट किया है. वहां के लोगो को धोखा दिया है. वहां बल प्रयोग किया गया है. सरकार हमे कश्मीर की गलियों की तस्वीर क्यों नहीं दिखा रही है. हम भी स्वर्ग की तस्वीर देखना चाहते है.’

यादव ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर किसका हिस्सा यह सरकार हमे बताए. वहीं यह भी बताए कि सिक्किम, नागालैंड और मिजोरम में हमे खुशी कब देखने को मिलेगी.

2.44 PM: एनसीपी की सांसद सुप्रीया सुले ने कहा, ‘मेरी पास में फारुख अब्दुला जी बैठते है. उनकी आवाज नहीं सुनाई दे रही है. यह चर्चा उनके बिना हमेशा अधूरी रहेगी.’ इस पर बीच में जवाब देते हुए कि फारूक अब्दुल्ला को न गिरफ्तार किया गया है न हिरासत मे लिया गया है. वो अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं. इस पर सांसद सुप्रीया सुले ने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है. इस पर गृहमंत्री शाह ने कहा, ‘मैं डॉक्टर नहीं हूं और तबियत मैं ठीक नहीं कर सकता.’

सुले ने सदन में कहा, ‘हमारा उनके साथ पुराने रिश्ते है. उनकी कमी खल रही है. हम राज्य के बंटवारे के खिलाफ नहीं है लेकिन वह संवैधानिक तरीके से होना चाहिए. आज जम्मू-कश्मीर में भय का माहौल है. अगर सरकार बदलाव चाहती थी तो सभी से चर्चा कर बदलाव करना चाहा था. आज राज्य में आज बेरोजगारी युवक बहुत ज्यादा है. सरकार से हमारी मांग है कि घाटी के नेता सुरक्षित है भी या नहीं इस बारे में सरकार अपना पक्ष रखे.’

2.35 PM: लोकसभा में टीआरएस के सांसद एन नागेश्वर राव ने कहा कि यह काला दिन नहीं है. यह विकास का दिन है. एक गलती को दुरुस्त करने के लिए यह बिल लाया गया है. अगर इस बिला समर्थन नहीं करते है तो लोग माफ नहीं करेंगे. आज गृहमंत्री ने कहा, ‘पाक अधिकृत कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. हमारी मांग है कि इसे इंडियन कश्मीर किया जाए. यह सरकार का अगला कदम होना चाहिए.’

वहीं बसपा सांसद गिरीश चंद्र ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल और आरक्षण बिल का समर्थन किया है.

2.30 PM: चर्चा में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, ‘कश्मीर हमारे लिए भूमि मात्र नहीं है. यह हमारे लिए मातृभूमि है. आज पूरे देश में दिपावली जैसे माहौल है. बचपन में हमकों प्रार्थना में सिखाया जाता था कि विद्या देने वाली देवी कश्मीर हैं. एक तरफ जहां पूरा देश हमारे फैसले का समर्थन कर रहा है. हम चाहते है कि हमे कांग्रेस पार्टी भी समर्थन करे. कांग्रेस पार्टी के ही कुछ नेता हमारी सरकार के इस फैसले का समर्थन भी कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता आज पाकिस्तान की भाषा बोल रहे है.’

जोशी ने ये भी कहा, ‘35ए क्या कहता है? कश्मीरी लड़की किसी दूसरे राज्य के भारतीय से शादी करे तो उस लड़की की कश्मीर की नागरिकता खत्म हो जाती है लेकिन अगर पाकिस्तान के लड़के से कश्मीरी लड़की की शादी हो, तो पाकिस्तानी लड़के को कश्मीर की नागरिकता मिल जाती है. ये क्या है.’

1.55 PM: लोकसभा में चर्चा के दौरान जनता दल यूनाइटेड ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. वहीं पार्टी के सभी सदस्यों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया. जदयू नेता ललन सिंह ने कहा, ‘हम एक दूसरे की विचाराधारा को जानते है, लेकिन धारा 370 पर सरकार के फैसले का विरोध करते है.’ जदयू नेता राजवी रंजन सिंह ने कहा, ‘सरकार को धारा 370 जैसे मुद्दे को नहीं छेड़ना चाहिए था. हम इसका पूरा विरोध करते है.’

1.35 PM: लोकसभा में चर्चा में शिवसेना नेता और केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा, ‘छोटे बच्चे हमारे जवानों पर पत्थर मारते हैं. आप लोगों को दर्द नहीं होता है? कभी तो हमे सोचना चाहिए कि धारा 370 के कारण जनता को कितना नुकसान हुआ है. विपक्ष को भी सरकार के इस कदम की सरहाना करना चाहिए.’

1.25 PM: लोकसभा में वायएसआर कांग्रेस के पार्टी सांसद आर राजू कानुमुरु ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि देश में एक संविधन और एक झंडा होना चाहिए जो सिर्फ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव में है.

1.22 PM: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिह ने कहा कि आजादी के बाद धारा 370 सबसे बड़ी गलती है. आज इसे हटाकर प्राश्यचित करने का समय है. विधाता को यही मंजूर था कि जब मोदी जी पीएम बनें और अमित शाह गृहमंत्री बने तब इसे हटाया जाए. अगर नेहरुजी ने अपनी भूमिका निभाई होती तो आज इतिहास कुछ ओर होता.

जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस आज सदन को बताए कि 35 ए और 370 को लेकर उसकी प्रतिबद्धता क्या है? कश्मीर के स्टेक होल्डर्स सिर्फ वो तीन नेता बल्कि भारत की जनता भी है. हमारे लिए कश्मीरी पंडित और पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी भी स्टेक होल्डर हैं. आज कश्मीर में अलगाव 370 हटाने से नहीं होगा बल्कि 370 के रहते होगा. इसी 370 के कारण पाकिस्तान को वहां दाखिल होने का मौका मिला है. युवाओं में अलगाववाद को बढ़ावा मिला है.’

1.20 PM: बीजेडी नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा, ‘हमारे नेता बीजू पटनायक ने लड़ाकू विमान उड़ा कर पाकिस्तानी सेना को कश्मीर में आगे बढ़ने से रोका था. इस मुद्दे पर पूरे भारत को एकजुट होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि नेहरु का कश्मीर की ओर झुकाव था इसकी वजह से यहां धारा 370 की समस्या पैदा हुई है. हमे एक मत से इसे हटाना चाहिए. हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है.

1.00 PM: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर पहली बार प्रतिक्रिया दी. इससे जुड़े ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘एकपक्षीय तरीके से जम्मू-कश्मीर को टुकड़ों में बांट देने, चुने हुए प्रतिनिधियों को जेल भेजने और संविधान का उल्लंघन करने से राष्ट्र के एकीकरण को बल नहीं मिलेगा. देश इसके लोगों से बनता है, ना कि ज़मीन के टुकड़ों से. कार्यकारी शक्ति के ऐसे दुरुपयोग का हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर ख़तरा हो सकता है.’

12.53 PM: कश्मीरियों को भविष्य में केंद्र सरकार के फैसले का लाभ मिलेगा: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले का सही लाभ वहां के लोगों को आगे मिलेगा. मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘संविधान की ‘सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक न्याय’ की मंशा को देश भर में लागू करने हेतु जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी धारा 370 व 35ए को हटाने की मांग काफी लम्बे समय से थी. अब बसपा उम्मीद करती है कि इस संबंध में केंद्र सरकार के फैसले का सही लाभ वहां के लोगों को आगे मिलेगा.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘इसी प्रकार, जम्मू-कश्मीर के लेह-लद्दाख को अलग से केंद्र शासित क्षेत्र घोषित किए जाने से खासकर वहां के बौद्घ समुदाय के लोगों की बहुत पुरानी मांग अब पूरी हुई है, बसपा जिसका भी स्वागत करती है. इससे पूरे देश में, विशेषकर बाबा साहेब डॉ़ भीमराव अम्बेडकर के बौद्घ अनुयाई काफी खुश हैं.’ गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया था. संसद में इस प्रस्ताव के आने के बाद विपक्ष लगातार विरोध कर रही है, तो वहीं इस प्रस्ताव पर बसपा ने केंद्र सरकार का समर्थन कर सबको चौंका दिया है. विपक्ष धारा 370 को हटाने वाले प्रस्ताव पर दो भागों में बंट गया है. (इनपुट: आईएएनएस)

12.45 PM: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर राज्यसभा की तर्ज पर टीएमसी ने लोकसभा से भी वॉकआउट किया. तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने चर्चा के दौरान कहा कि इसका असर जम्मू-कश्मीर पर ही नहीं अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. वहां के लोगों के लिए दिलों में खास संवदेना है. उन्होंने कहा कि जब जम्मू कश्मीर में धारा 370 लागू की गई तब के समय के नेताओें ने लागू करना उचित समझा होगा. हमेशा से धारा 370 को गलत तरीके से लागू करने की बात नहीं करनी चाहिए.

बंधोपाध्याय ने कहा कि सरकार ने एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश क्यों बना दिया. वहां हालत खराब हो सकते है और देशभर में इसका असर पड़ सकता है. सरकार के इस निर्णय के बाद राज्य में आतंकवाद की घटनाओं में बढोत्तरी हो सकती है. राज्य के तीन पूर्व सीएम को गिरफ्तार कर लिया गया है. हमें इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही है. हम इस बिल के खिलाफ है. इसलिए हमारी पार्टी ने वॉकआउट करने का फैसला लिया है.

12.30 PM: लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि कश्मीर की परिस्थिति विशेष है,लेकिन सरकार ने राज्य की विधानसभा के बारे में कोई चर्चा ही नहीं की. सरकार की मंशा ही नहीं थी कि वह लोकसभा के साथ विधानसभा के चुनाव साथ में वहां करवा सके. भारतीय संसद को संकल्प पास कर राष्ट्रपति के पास भेजने के अधिकार है. बगैर चर्चा और वाद विवाद के कानून बनाए जा रहे है. सरकार को इससे क्या हासिल होने वाला है आखिर क्या मकसद है. इस बिल पर हम या तो वॉक आउट करेंगे या खिलाफ में वोट करेंगे. डीएमके ने बिल का विरोध किया है.

12.18 PM: डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने लोकसभा के स्पीकर से कहा, ‘इस सदन के एक सदस्य फारुख अब्दुल्ला ग़ायब हैं. हमारे पास कोई जानकारी नहीं है. आप स्पीकर हैं आपको सदस्यों की सुरक्षा करनी चाहिए. आपको निष्पक्ष होना चाहिए.’

12.00 PM: लोकसभा में बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा, ‘आज देश के करोड़ों लोगों का सपना पूरा होने जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में आज तक जो कुछ हुआ है वह जवाहर लाल नेहरू की देन है. हम जल्द ही पाक अधिकृत कश्मीर भी लेकर रहेंगे.’ शर्मा ने कहा कि आज सबको यह भी देखन होगा कि राज्य के यह हालत किसने किया है जम्मू-कश्मीर में शेख अब्दुला के कहने पर नेहरु जी ने 370 को जोडा. उस दौरान सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया फिर भी नेहरू जी ने इसे जोड़ा ही दिया.

उन्होंने आगे कहा, ‘यह धारा 370 ने आज तक जम्मू-कश्मीर को कुछ नहीं दिया. केवल बेरोजगारी और आतंकवाद बड़ा है. युवाओं को बेरोजगार घूम रहे है.’ शर्मा ने कहा कि आज धारा 370 की वकालत करने वाले से पूछना चाहता हूं कि आप राज्य मे आतंकवाद की वकालत कर रहे हैं, क्या यही आपका चरित्र है? इन्हीं सब कारणों से आज जम्मू कश्मीर पिछड़ा प्रदेश बन गया है. मोदी सरकार की ओर से सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाला 10 फीसदी आरक्षण भी वहां लागू नहीं होता है.

11.57 AM: मनीष तिवारी ने सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर का जो संविधान है उसका क्या होगा? क्या उसे हटाने के लिए भी सरकार संसद में विधेयक लाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि 70 साल के इतिहास में पहली बार किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. ये संघीय ढांचे पर करारा हमला है.

11.54 AM: तिवारी ने कहा कि बिना विधानसभा की मौजूदगी के धारा 370 हटाना संवैधानिक त्रासदी है. तिवारी ने सवाल किया कि इससे संसद क्या संदेश भेजना चाह रही है. क्या कल गए संसद इसी तरह से उत्तर-पूर्वी राज्यों के भी विशेषाधिकार छीन लिया जाएगा. संसद इन राज्यों को क्या संदेश देना चाहती है.

11.45 AM: मनीष तिवारी ने कहा, ‘आज एक विचित्र स्थिति पैदा हुई है. राज्य में विधानसभा है नहीं और संसद से कहा जा रहा है कि संसद कश्मीर के विधानसभा का काम करे. ये एक संवैधानिक त्रासदी है.’ उन्होंने कहा कि संसद में जैसा किया जा रहा है उसकी इजाजत इसकी धारा तीन नहीं देती है.

11.35 AM: कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि इतिहास को संज्ञान में लेना ज़रूरी है. इसके बाद उन्होंने बताया कि आधुनिक जम्मू-कश्मीर का जन्म कैसे हुआ. तिवारी ने बताया कि कैसे पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को भारत का अंग बनाया और ऐसा करने के दौरान राज्य से कुछ वायदे किए गए थे जो इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन का हिस्सा हैं. उन्होंने 1975 में पीएम इंदिरा गांधी और शेख अब्दुल्ला के बीच करार की भी बात कही.

पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा: शाह 

11.25 AM: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘क्या कांग्रेस पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं मानती है. हम इसके लिए जान देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मतलब पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन से भी है क्योंकि इसमें दोनों ही समाहित है. आज के प्रस्ताव और बिल भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे.’

शाह ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने सोमवार को एक संवैधानिक आदेश जारी किया है. जिसके तहत भारत के संविधान के सारे अनुबंध जम्मू कश्मीर में लागू होंगे. शाह ने कहा, ‘विपक्ष जो भी पूछेगा उसका सवाल का जवाब देंगे, लेकिन पहले मुझे पहले अपनी बात रखने दीजिए.’ शाह ने कहा कि धारा 373 (3) का उपयोग कर राष्ट्रपति इसे सीज कर सकते है, लेकिन राष्ट्रपति तभी यह नोटिफिकेशन भी निकाल सकते है.

कांग्रेस के सदस्यों के टोकाटोकी का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि इस प्रावधान काा उपयोग कांग्रेस 1952 और 1955 में कर चुकी है. महाराज के लिए पहले सदर ए रियासत और फिर 1965 में इसे गवर्नर किया गया. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस इतना हल्ला क्यों कर रही है, लेकिन राष्ट्रपति इसका उपयोग कर चुके है, जिस पर सरकार की अनुशंसा मिली थी? उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की विधानसभा नहीं चल रही है. ऐसे में संसद में जम्मू कश्मीर के सारे अधिकार निहित है.

शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी और चुना हुआ मुख्यमंत्री वहां काम करेगा. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस पर कानून बनाने का अधिकार संसद को है. शाह ने कहा, ‘हम सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं. आप इस पर चर्चा शुरु करें. हम शांत महौल में चर्चा चाहते हैं. जम्मू कश्मीर समेत पूरा देश और दुनिया हमें देख रही है.’

11.10 AM: अधीर रंजन और अमित शाह में जोरदार बहस

बिल रखने के बाद ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपने जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में तोड़कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. आापकी सरकार कश्मीर को अंदरुनी मामला बता रही है, लेकिन वहां संयुक्त राष्ट्र निगरानी करता है. इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि क्या यह कांग्रेस का अधिकारिक मत है कि संयुक्त राष्ट्र जम्मू-कश्मीर की निगरानी कर सकता है, इस पर कांग्रेस अपना स्पष्टीकरण दे?

इसी बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने जोरदार हंगामा करना शुरु कर दिया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद चौधरी ने कहा कि यह मुद्दा द्विपक्षीय है या अंतर राष्ट्रीय इस पर सरकार अपना पक्ष साफ करे. लाखों की तादाद में सेना तैनात है और राज्य के पूर्व सीएम नजरबंद हैं. वहां क्या हालात है पता ही नहीं चल पा रहा है.

इस बीच गृहमंत्री शाह ने कहा, ‘कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में है. इसकी इजाजत के बिना यह बिल लेकर हम आए है. कांग्रेस पार्टी इस पर अपना स्पष्टीकरण दे.’ इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा कि 1948 से जम्मू-कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी हो रही है तो यह अंदरुनी मामला कैसे हो गया? अधीर रंजन ने कहा कि हाल ही में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा था कि इसमें मध्यस्थता स्वीकार नहीं है. यह द्विपक्षीय मामला है. चौधरी ने कहा, ‘हम सरकार से जानना चाहते है और यह हमारा अधिकार है. आप ऐसा माहौल न बनाए कि कांग्रेस देश का हित नहीं चाहती है.’

इसके बाद गृहमंत्री शाह ने अधीर रंजन के उठाए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 1948 में यह मामला यूएन में पहुंचाया गया था. इसके बाद इंदिरा जी ने शिमला करार में इसका जिक्र है. शाह ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस पर कोई कानूनी या संवैधानिक विवाद नहीं है. जम्मू-कश्मीर ने इसे स्वीकार भी किया है. अनुच्छेद 370 सी में इस बात का जिक्र भी है. जम्मू कश्मीर पर काननू पर के संसद सक्षम है. हम राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही यह संकल्प लेकर आए है.’

11.00 AM: लोकसभा की कार्रवाई शुरु होते ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए परमाणु बमों से मरने वालों को सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने संकल्प पेश करते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति यह घोषणा करते है कि उनके आदेश के बाद से ही अनुच्छेद 370 के प्रावधान जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे. साथ ही वर्तमान जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन विधेयक को विचार के लिए रखा जाए. इस बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिल चुकी है. इसके अलावा जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल भी विचार के लिए निचले सदन में रखा गया.

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