होम देश ओडिशा सरकार ने बालासोर ट्रेन हादसे में मारे गए 288 शवों में...

ओडिशा सरकार ने बालासोर ट्रेन हादसे में मारे गए 288 शवों में से 151 की पहचान की

कुछ दिन पहले तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर में कम से कम 288 लोग मारे गए हैं और 1000 से अधिक घायल हो गए थे.

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे का एक दृश्य | ANI

नई दिल्ली: ओडिशा सरकार ने सोमवार को जानकारी दी कि बालासोर ट्रेन हादसे में मारे गए 288 शवों में से अब तक 151 की पहचान की जा चुकी है.

ओडिशा के मुख्य सचिव ने यह जानकारी दी है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने शवों के लिए नि:शुल्क परिवहन की व्यवस्था की है.

ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अब तक 151 शवों की पहचान की जा चुकी है. नियत प्रक्रिया के बाद सभी शवों को गंतव्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए सुपुर्द किया जा रहा है। ओडिशा सरकार द्वारा गंतव्य तक शवों/मृत शरीर वाहकों द्वारा शवों के नि:शुल्क परिवहन की व्यवस्था की गई है.”

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर में कम से कम 288 लोग मारे गए हैं और 1000 से अधिक घायल हो गए थे. दुर्घटना में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी शामिल थी.

वहीं, राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) के आईजी नरेंद्र सिंह बुंदेला ने बताया कि घटनास्थल पर राहत और बचाव का काम कर रही एनडीआरएफ की सभी 9 टीमों को वापस बुला लिया गिया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने कहा, “ओडिशा के बालासोर में काम कर रही एनडीआरएफ की सभी 9 टीमों को वापस बुला लिया गया है.”

इस दर्दनाक घटना के बाद ओडिशा के बरगढ़ जिले में मेंधापाली के पास चूना पत्थर ले जा रही एक मालगाड़ी के भी पांच डिब्बे सोमवार को पटरी से उतर गए. अधिकारियों के मुताबिक, घटना डूंगरी लाइमस्टोन माइंस और एसीसी बरगढ़ के सीमेंट प्लांट के बीच निजी नैरोगेज रेल लाइन पर हुई.

उधर, इस रेल हादसे के बाद से पहली उच्च गति वाली यात्री ट्रेन ‘हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस’ सोमवार को सुबह बालासोर से गुजरी.

अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस ने सोमवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे बाहानगा बाजार स्टेशन को पार किया.

अधिकारियों ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे और तेज गति वाली ट्रेन के गुजरने पर उन्होंने चालकों की तरफ हाथ हिलाया.

वैष्णव ने बताया कि अप लाइन और डाउन लाइन पटरियों की मरम्मत का काम रविवार रात को पूरा हो गया.

रविवार रात को करीब 10 बजकर 40 मिनट पर विशाखापत्तनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र तक कोयले से लदी एक मालगाड़ी पटरियों से गुजरी.

दुर्घटना स्थल से ट्रेनें धीमी गति से गुजर रही हैं.

गौरतलब है कि बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी. इस दुर्घटना में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई है.

जांचकर्ता तीन ट्रेनों के आपस में टकराने की घटना के पीछे संभावित मानवीय भूल, सिग्नल की नाकामी और अन्य संभावित वजहों की तलाश कर रहे हैं.


यह भी पढ़ेंः ‘गैंगस्टर टू पॉलिटिशियन’, मुख्तार अंसारी: मऊ से 5 बार विधायक का रहा है कांग्रेस और सेना से भी नाता


 

Exit mobile version